केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 18 जुलाई 2020 को कहा कि जी-20 की कार्रवाई योजना कोविड-19 महामारी से निपटने की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है. यह संकट के बीच तार्किक और प्रभावी बनी रहनी चाहिए. जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की तीसरी बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सऊदी अरब की अध्यक्षता में हुई जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की तीसरी बैठक में हिस्सा लिया. इस दौरान कोरोना (कोविड-19) महामारी संकट के बीच वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण के साथ ही साल 2020 के लिए अन्य जी-20 वित्तीय प्राथमिकताओं पर भी बात की गई.
जी-20 कार्ययोजना में स्वास्थ्य प्रतिक्रिया, आर्थिक कदम, मजबूत और सतत रिकवरी और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय समन्वय के स्तंभों के तहत सामूहिक प्रतिबद्धताओं की एक सूची सामने रखी गई. इसका मकसद महामारी से लड़ने में जी-20 के प्रयासों में समन्वय स्थापित करना है.
इससे संबंधित मुख्य बिंदु
वित्त मंत्री सीतारमण ने बैठक को संबोधित करते हुए जी-20 से प्रौद्योगिकी के जरिये वित्तीय समावेशन की भारत की सफलता को साझा किया. उन्होंने बताया कि 42 करोड़ बैंक खातों में 10 अरब डॉलर के बराबर की धन राशि ‘बिना किसी भौतिक संपर्क में आए’ स्थानांतरित की गयी है.
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि जी-20 कार्रवाई योजना कोविड-19 से निपटने की हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है. संकट के बीच इसे तर्कसंगत और प्रभावी बनाए रखने की जरूरत है.
जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों ने अप्रैल में कोविड-19 महामारी से निपटने को अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया के लिए कार्रवाई योजना प्रकाशित की थी.
कार्रवाई योजना के तहत जी-20 के सदस्यों ने स्वास्थ्य सेवा, आर्थिक और वित्तीय उपाय करने की प्रतिबद्धता जताई है. इसके अतिरिक्त इसमें एक मजबूत और स्थिर वैश्विक अर्थव्यवस्था, जरूरतमंद देशों की मदद, मौजूदा संकट से सबक लेकर भविष्य की तैयारियों के प्रावधान को भी शामिल किया गया है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक में शामिल हुआ.
यह बैठक किस पर केंद्रित था?
यह बैठक वृहद अर्थव्यवस्था, पूंजी प्रवाह, सीमापार भुगतान, लिबोर से बदलाव और अन्य मुद्दों पर केंद्रित थी. मंत्रालय ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि वित्त मंत्री सीतारमण ने जी-20 की बैठक भारत द्वारा महामारी के दौरान लोगों को समर्थन के लिए किए गए नीतिगत उपायों की जानकारी दी.
295 अरब डॉलर का वृहद पैकेज
भारत ने 295 अरब डॉलर का वृहद पैकेज दिया है जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 10 फीसदी है. केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस संकट से निपटने हेतु 20.97 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी. यह दुनिया में सबसे बड़े राहत पैकेज में से एक है. इस पैकेज का मुख्य उद्देश्य संकट में फंसे कारोबार क्षेत्र को उबारना और अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार की एक रूपरेखा तय करना है.
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