राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस तथा प्लेथिको फार्मास्यूटिकल्स व 16 अन्य कंपनियों का पंजीकरण 30 मई से रद्द करने का फैसला किया है.
एनएसई ने यह फैसला बीएसई द्वारा 11 मई से 200 से अधिक कंपनियों का पंजीकरण रद्द करने के बाद किया है, क्योंकि उनके शेयरों की ट्रेडिंग छह महीने से अधिक समय से निलंबित थी.
यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब सरकार अवैध तरीके से फंड प्रवाह के इस्तेमाल को लेकर मुखौटा कंपनियों (सूचीबद्ध तथा गैर सूचीबद्ध दोनों) पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है.
एनएसई का निर्णय
बाजार नियामक सेबी ने अगस्त महीने में संदिग्ध 331 मुखौटा कंपनियों के खिलाफ एक्सचेंज को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, जबकि सरकार पहले ही उन दो लाख से अधिक कंपनियों का पंजीकरण रद्द कर चुकी है, जो लंबे समय से कोई कारोबारी गतिविधियां नहीं कर रही थीं.
अपने नवीनतम परिपत्र में एनएसई ने कहा है कि उसने 30 मई, 2018 से उन कंपनियों के इक्विटी शेयर का पंजीकरण रद्द करने का फैसला किया है, जिनका पंजीकरण बीएसई लिमिटेड रद्द कर चुका है.
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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है. यह मुंबई में स्थित है. इसकी स्थापना वर्ष 1992 मे 25 करोड़ रुपये की सीमित पूँजी के साथ हई थी. कारोबार के लिहाज से यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है. इसकी स्थापना देश में वित्तीय सुधार के लिए एम.जे. शेरवानी समिति की सिफारिस के आधार पर की गयी थी.
इसके वीसैट (VSAT) टर्मिनल भारत के 320 शहरों तक फैले हुए हैं. नेशनल स्टाक एक्सचेंज का देशव्यापी नेटवर्क फैला हुआ है, निफ्टी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत आने वाला सूचकांक है. इसके अंतर्गत 50 कम्पनियाँ रजिस्टर्ड हैं, जबकि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (स्थापना 1875) के अंतर्गत सिर्फ 30 कम्पनियाँ हैं. इसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, सुप्रीम पारदर्शिता, दक्षता, गति, सुरक्षा और बाजार अखंडता के बारे में मजबूती लाने के लिए लाया गया है.
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