चंद्रमा पूर्व के अनुमान की तुलना में करीब 14 करोड़ वर्ष अधिक पुराना अर्थात लगभग 4.51 अरब वर्ष पुराना है. वर्ष 1971 के अपोलो-14 अभियान के अंतर्गत चंद्रमा से लाए गए खनिज तत्व जिक्रोन के विश्लेषण के बाद यह बात निकलकर सामने आई है.
चांद की उम्र को लेकर लंबे समय से विवाद रहा है. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-लास एंजेल्स के रिसर्चर इस पर अध्ययन कर रहे हैं. पृथ्वी और थिया के आपस में भयंकर टकराव के बाद चंद्रमा का निर्माण हुआ था.
हालांकि इस भयंकर टक्कर में थिया के टुकड़े हो गए थे जिसका कुछ मलबा अंतरिक्ष में चला गया था और यह एकत्रित हो पृथ्वी का चक्कर लगाने लगा. नये रिसर्च के मुताबिक, करीब 60 मिलियन वर्ष पहले सौर मंडल के बाद चंद्रमा का निर्माण हुआ था.
हालांकि वैज्ञानिकों को यह नहीं पता कि थिया और पृथ्वी के बीच यह टक्कर क्यों हुयी थी. यह निष्कर्ष बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे वैज्ञानिकों को और भी घटनाओं की जानकारी मिल सकती है.
बार्बोनी ने आठ र्जिकॉन का अध्ययन किया. उन्होंने कहा की र्जिकॉन प्रकृति की बेहतरीन घड़ियां हैं. इनके जरिए जियोलॉजिकल इतिहास व इनकी उत्पत्ति का खुलासा होता है.
पृथ्वी एवं थिया के टक्कर से लिक्विफाइड चंद्रमा का निर्माण हुआ जो बाद में ठोस बना. वैज्ञानिकों का सोचना है कि निर्माण के बाद चंद्रमा का अधिकांश सतह मैग्मा से ढक गया था.
पहले के अध्ययन में चंद्रमा की उम्र इससे प्राप्त पत्थरों के आधार पर निर्धारित की गयी जो अनेकों टकराव के बाद वहां बिखरी थीं.
अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वनविद्यालय की जियोकेमिस्ट मेलानी बाबरेनी ने बताया कि उन्होंने चंद्रमा की न्यूनतम आयु का पता लगा लिया है. इस अध्ययन का प्रकाशन साइंस एडवांसेज जर्नल में हुआ है.
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