तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान की स्थिति बहुत ही काफी खराब हो गई. इसे सुधारने के लिए भारत 10 नंवबर को एनएसए (NSA) स्तर की बैठक आयोजित करेगा. इस बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान ने नया फॉर्मूला अपनाया है. उसने बैठक में शामिल होने के लिए भारत के अनुरोध को ठुकरा दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने कहा है कि वह 10 नवंबर को अफगानिस्तान पर भारत द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होंगे. दरअसल, भारत ने इस बैठक के लिए चीन, रूस, ईरान और अन्य देशों के साथ पाकिस्तान को भी आमंत्रित किया था.
पाकिस्तान के NSA ने क्या कहा?
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) मोईद युसूफ ने कहा कि वह अफगानिस्तान पर 10 नवंबर 2021 को होने वाले सम्मेलन के लिए भारत की यात्रा नहीं करेंगे. उन्होंने अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने वाले देश के रूप में भारत की भूमिका को खारिज कर दिया.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि पाकिस्तान का फैसला न्यूक्लियर हथियारों से लैस दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों की मौजूदा स्थिति पर आधारित होगा.
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने क्या कहा?
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने इससे पहले भारत के निमंत्रण को स्वीकार किया था लेकिन यह भी कहा कि उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा. विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पहले कहा था कि पाकिस्तान का निर्णय दो परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच संबंधों की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए होगा.
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में दरार
बता दें कि साल 2016 में पठानकोट एयर फोर्स बेस पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में दरार आ गई थी. उरी में भारतीय सेना के शिविर पर हमला और इसके बाद हुए हमलों ने दोनों देशों के रिश्ते को और खराब कर दिया.
मालूम हो कि साल 2019 में पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के लगभग 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके जवाब में भारत के युद्ध विमानों ने 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान के अंदर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया था. इसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते और खराब हो गए.
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