पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने 01 नवम्बर 2017 को निजी क्षेत्र के अंशधारकों के लिए अधिकत उम्र सीमा 60 से बढ़ाकर 65 कर दी है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि अब 60 से 65 साल की आयु का कोई भी नागरिक इस स्कीम से जुड़ सकता है. वह इस स्कीम में 70 साल की उम्र तक बना रह सकता है.
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मंत्रालय के अनुसार पीएफआरडीए ने पेंशन दायरा बढ़ाने के लिये पिछले कुछ साल में कई पहल की है. नेशनल पेंशन स्कीम यानी राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में भागीदारी के लिए पहले न्यूनतम सालाना निवेश छह हजार रुपये करना जरूरी होता था लेकिन गत वर्ष न्यूनतम सालाना निवेश की सीमा एक हजार रुपये कर दी गई.
एनपीएस के प्रथम श्रेणी के खातों को परिचालन में बनाए रखने के लिए अब तक हर वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) में कम से कम 6,000 रुपए का योगदान अनिवार्य था. लेकिन ज्यादा से ज्यादा लोगों को आकर्षित करने के लिए पीएफआरडीए ने यह कदम उठाया.
क्या है एनपीएस:
नेशनल पेंशन स्कीम अथवा एनपीएस एक रिटायरमेंट सेविंग्स अकाउंट है. इसकी शुरुआत भारत सरकार ने 1 जनवरी 2004 को की थी. पहले यह स्कीम सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी. हालांकि 2009 के बाद इसे निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी शुरू किया गया है.
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