प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन नवम्बर, 2016 को आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एएमसीडीआरआर) का उद्घाटन किया. आपदा जोखिम न्यूनीकरण (एसएफडीआरआर) के लिए सेंडाइ फ्रेमवर्क अपनाने के बाद यह पहला प्रमुख अंतर-सरकारी आयोजन है. सम्मेलन तीन से पांच नवम्बर, 2016 तक आयोजित किया गया है.
- सम्मेलन एशियाई क्षेत्र में इस फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन की दिशा प्रशस्त करेगा और कार्य की प्रगति की निगरानी के तंत्र के बारे में भी विचार-विमर्श किया जाएगा.
- सम्मेलन में 6 तकनीकी, 22 विषयगत और 3 विशेष सत्रों से संबंधित मुद्दो पर विचार-विमर्श किया जाएगा
- सभी तीन प्रमुख आयोजन- सतत विकास के लिए जोखिम लचीला बुनियादी ढांचा, नये जोखिम की रोकथाम के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग तथा क्षेत्रीय सहयोग भारत की अध्यक्षता में होंगे.
- तीन दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में एशिया और प्रशांत क्षेत्र के 61 देशों के 1100 प्रतिनिधि एवं 2900 घरेलू प्रतिनिधि शिरकत कर रहे हैं.
सेंडाइ फ्रेमवर्क के बारे में-
- सेंडाइ फ्रेमवर्क जापान के सेंडाइ में मार्च, 2015 को आयोजित तीसरे संयुक्त राष्ट्र विश्व सम्मेलन में अपनाया गया.
- यह 2015 के बाद विकास एजेंडे का एक पहला प्रमुख अनुबंध है.
- यह आपदा जोखिम कम करने की दिशा में लक्ष्यों और प्राथमिकता कार्य वाले क्षेत्रों की पहचान करता है.
- समापन दिवस पर इस सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणा पत्र को अपनाया जाएगा.
- यह आपदा जोखिम की रोकथाम एवं इसमें कमी की दिशा में सहभागी सरकारों की राजनीतिक प्रतिबद्धता के रूप में होगा
- सम्मेलन में एशियाई देशों के वरिष्ठ स्तर के सरकारी प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहे हैं.
एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर मोदी ने दस सूत्री कार्यक्रम की कार्यसूची प्रस्तुत की. जो निम्न है-
- महिला वालंटियरों की शिरकत को बढ़ावा देने पर जोर दिया. वे किसी आपदा में सबसे ज्यादा शिकार होती हैं. उनके पास अनूठी ताकत और अंतर्दृष्टि होती है.
- आपदाओं से निबटने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया में वृहद सामंजस्य लाने का आह्वान किया.
- गरीब परिवारों से लेकर छोटे और मध्यम उपक्रमों और बहुराष्ट्रीय निगमों राष्ट्र राज्यों सभी के जोखिम कवरेज हेतु काम करने पर जोर दिया.
- सभी विकास सेक्टरों को आपदा जोखिम प्रबंधन के उसूलों को आत्मसात करना चाहिए.
- पुनर्निर्माण को समर्थन देने वाली महिला इंजीनियरों, राजमिस्त्रियों और भवन-निर्माण कारीगरों और आजीविका बहाली के लिए महिला स्व-सहायता समूहों की जरूरत है.
- वैश्विक स्तर पर जोखिम आकलन, आपदा जोखिम प्रबंधन प्रयासों की प्रभाव-क्षमता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग और सोशल मीडिया तथा मोबाइल प्रौद्योगिकी से मिले अवसरों के उपयोग पर जोर दिया जाना चाहिए
- स्थानीय क्षमता और पहल को आगे बढ़ाने पर जोर दिया.
- आपदाओं पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया में वृहद सामंजस्य लाने
- यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि किसी आपदा से सीख लेने का मौका नहीं गंवाया जाए.
- आपदा के जोखिम में कमी की जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन को बढ़ावा देने और सतत विकास में एक अहम भूमिका है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation