प्रधानमंत्री ने एमएसएमई सेक्टर हेतु सहयोग एवं संपर्क कार्यक्रम का शुभारंभ किया

Nov 3, 2018, 08:59 IST

प्रधानमंत्री ने एमएसएमई को आसानी से ऋण उपलब्‍ध कराने के लिए 59 मिनट के लोन पोर्टल का शुभारंभ करने का घोषणा किया. इस पोर्टल के जरिए सिर्फ 59 मिनट में एक करोड़ रुपये तक के ऋणों को सैद्धांतिक मंजूरी दी जा सकती है.

PM Modi launches MSME Support and Outreach Programme
PM Modi launches MSME Support and Outreach Programme

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 02 नवंबर 2018 को सूक्ष्‍म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) सेक्‍टर के लिए एक ऐतिहासिक सहयोग एवं संपर्क कार्यक्रम का शुभारंभ किया.

इस कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री ने 12 महत्‍वपूर्ण घोषणाएं की हैं, जिनसे देश भर में एमएसएमई के विकास और विस्‍तार के साथ-साथ उन्‍हें सहूलियतें देने में मदद मिलेगी.

प्रधानमंत्री द्वारा 12 महत्‍वपूर्ण घोषणाएं:

•  प्रधानमंत्री ने एमएसएमई को आसानी से ऋण उपलब्‍ध कराने के लिए 59 मिनट के लोन पोर्टल का शुभारंभ करने का घोषणा किया. इस पोर्टल के जरिए सिर्फ 59 मिनट में एक करोड़ रुपये तक के ऋणों को सैद्धांतिक मंजूरी दी जा सकती है. जीएसटी पोर्टल के जरिए इस पोर्टल का एक लिंक उपलब्‍ध कराया जाएगा.    

•  प्रधानमंत्री ने सभी जीएसटी पंजीकृत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी देने का घोषणा किया. शिपमेंट से पूर्व और शिपमेंट के बाद की अवधि में ऋण लेने वाले निर्यातकों के लिए प्रधानमंत्री ने ब्याज की छूट तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने की घोषणा की.

•  पांच सौ करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली सभी कंपनियों को अब आवश्यक रूप से व्यापार प्राप्तियां ई-डिस्काउंटिंग प्रणाली (टीआरईडीएस) पोर्टल में शामिल किया जायेगा. इस घोषणा में शामिल होने से उद्यमी अपनी आगामी प्राप्तियों के आधार पर बैंकों से ऋण ले सकेंगे. इससे उनके नकदी चक्र की समस्याएं हल हो जाएंगी.

•  सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां को अब 20 प्रतिशत की बजाय अपनी कुल खरीदारी की 25 प्रतिशत खरीदारी एमएसएमई से करने के लिए कहा गया है.

•  पांचवी घोषणा महिला उद्यमियों से संबंधित हैं. एमएसएमई से की गई आवश्यक 25 प्रतिशत खरीदारी में से 3 प्रतिशत खरीदारी अब महिला उद्यमियों के लिए आरक्षित की गई हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि डेढ़ लाख से अधिक आपूर्तिकर्ता अब जीईएम के साथ पंजीकृत हैं इनमें से 40 हजार एमएसएमई हैं.

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई):

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) वे उद्योग हैं जिनमें काम करने वालों की संख्या एक सीमा से कम होती है तथा उनका वार्षिक उत्पादन भी एक सीमा के अन्दर रहता है. किसी भी देश के विकास में इनका महत्वपूर्ण स्थान है.

•  केंद्र सरकार के सभी सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों को अब आवश्यक रूप से जीईएम का हिस्सा होना चाहिए. सभी विक्रेताओं को जीईएम से पंजीकृत कराना चाहिए.

•  पूरे देश में 22 केंद्र बनाए जाएंगे और टूल रूम के रूप में 100 स्पोक्स स्थापित किए जाएंगे. 

•  फार्मा क्षेत्र के सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए क्‍लस्‍टर बनाये जायेंगे. इन क्‍लस्‍टर के निर्माण की लागत का 70 प्रतिशत केन्‍द्र सरकार वहन करेगी.

•  आठ श्रम कानूनों और 10 केन्‍द्रीय नियमों के तहत रिटर्न अब साल में एक ही बार फाइल किये जायेंगे.

•  अब प्रतिष्‍ठानों का निरीक्षक द्वारा किये जाने वाला दौरा कंप्‍यूटर आधारित औचक आवंटन के जरिये तय किया जायेगा.

•  वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण नियमों के तहत इन दोनों क्‍लीयरेंस को एकल अनुमति में समाविष्‍ट कर दिया गया है. रिटर्न, स्‍व–प्रमाणीकरण के जरिये स्‍वीकार किया जायेगा.

•  12वीं घोषणा के रूप में एक अध्‍यादेश लाया गया है, जिसके तहत कंपनी अधिनियम के संबंध में मामूली उल्‍लंघनों के लिए उद्यमी को अदालतों के चक्‍कर नहीं लगाने होंगे. उन्‍हें आसान प्रक्रियाओं के तहत दुरुस्‍त कर लिया जायेगा.

सामाजिक सुरक्षा:

प्रधानमंत्री ने एमएसएमई के सेक्‍टर के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा का भी उल्‍लेख किया है. यह सुनिश्चित करने के लिए एक मिशन शुरू किया जायेगा कि उन्‍हें जन-धन खाता, भविष्‍य निधि और बीमा उपलब्‍ध हो. अगले 100 दिनों के दौरान इस आउटरीच कार्यक्रम के कार्यान्‍वयन की गहन निगरानी की जायेगी.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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