ब्रिक्स समिट: सीमा गतिरोध के बाद प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग पहली बार होंगे आमने-सामने

Oct 7, 2020, 16:01 IST

ब्रिक्स समिट (शिखर सम्मेलन) 2020 कोविड -19 महामारी के दौरान सदस्य देशों - ब्राजील रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका- के बीच सहयोग को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगा.

PM Narendra Modi, Chinese President Xi Jinping to come face-to-face for first time since border standoff in Hindi
PM Narendra Modi, Chinese President Xi Jinping to come face-to-face for first time since border standoff in Hindi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा गतिरोध के बाद, आगामी 17 नवंबर, 2020 को आभासी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पहली बार आमने-सामने होंगे.

ब्रिक्स ब्लॉक के वर्तमान अध्यक्ष, रूस ने इस 5 अक्टूबर, 2020 को यह घोषणा की है कि, ब्रिक्स का  वार्षिक सम्मेलन आगामी 17 नवंबर को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होगा. ब्रिक्स ब्लॉक में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.

ब्रिक्स एक प्रभावशाली ब्लॉक है जो दुनिया की आधी आबादी अर्थात 3.6 बिलियन से अधिक लोगों का प्रतिनिधित्व करता है. ब्रिक्स राष्ट्रों का संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद 16.6 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर है.

ब्रिक्स 2020 थीम

रूस ने यह घोषणा की है कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2020 का विषय “वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और नवोन्मेष के लिए ब्रिक्स भागीदारी" है.

क्या ब्रिक्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग बातचीत करेंगे?

हालांकि यह पुष्टि की जाती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आमने-सामने आएंगे, लेकिन अभी तक इस बात की कोई पुष्टि नहीं की गई है कि, ये  दोनों नेता ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बातचीत करेंगे. पिछले कुछ वर्षों से, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग ने ब्रिक्स की सभी बैठकों में अब तक भाग लिया है.

यह महत्वपूर्ण क्यों है?

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2020 ऐसे समय में हो रहा है जब, भारत और चीन मई महीने के शुरू से पूर्वी लद्दाख में एक द्वेषी सीमा गतिरोध में उलझ गये हैं, जिसने दोनों देशों के बीच संबंधों को काफी तनावपूर्ण बना दिया है. हालांकि, इन दोनों राष्ट्रों ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कूटनीतिक और सैन्य वार्ता की एक श्रृंखला आयोजित की है.

भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मॉस्को, रूस में SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक के बाद द्विपक्षीय बैठक के लिए चीन के अनुरोध के बाद, अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात की थी.

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन - उद्देश्य

ब्रिक्स देशों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए ब्रिक्स देशों के बीच परस्पर सहयोग को और मजबूत करने के लिए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से संभावना जताई जा रही है.

मुख्य विशेषताएं

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2020 कोविड -19 महामारी के दौरान सदस्य देशों - ब्राजील रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका - के बीच सहयोग को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगा.

रूसी सरकार के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, रूस का ध्यान जीवन स्तर और जीवन गुणवत्ता को बढ़ाने में योगदान करने के लिए ब्रिक्स देशों के बीच बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है.

पृष्ठभूमि

रूस ने इससे पहले कोविड -19 के प्रकोप के कारण, इस वर्ष मई के महीने में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को स्थगित कर दिया था, जो 21-23 जुलाई के दौरान होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के राज्य परिषद के प्रमुखों की एक बैठक के साथ सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित किया जान था. इस बार भी, हालांकि रूस इन पांचों ब्रिक्स देशों के नेताओं की मेजबानी करने का इच्छुक था, लेकिन कई सदस्यों ने संक्रमण के जोखिम को देखते हुए वास्तविक शिखर सम्मेलन आयोजित करने के बारे में आशंका व्यक्त जताई थी.

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