New Ensign of Indian Navy: प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोचीन में भारतीय नौसेना के नए ध्वज निशान का अनावरण किया है. इस नए निशान से नौसेना को अब एक नयी पहचान मिली है, जिसके बदलने की काफी समय से चर्चा की जा रही थी. इससे पहले भी नौसेना के ध्वज में कुछ परिवर्तन किये गए थे. लेकिन महत्वपूर्ण और एतिहासिक परिवर्तन अब किया गया है. परिवर्तन के तौर पर गुलामी का प्रतीक माने जाने वाले रेड क्रॉस को ध्वज से हटा दिया गया है.
*शं नो वरुण: *
— PRO Shillong, Ministry of Defence (@proshillong) September 2, 2022
The new Naval Ensign flies proudly. pic.twitter.com/Z61EQ6Vfwp
कैसा है नया निशान?
नौसेना का नया निशान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के राजचिन्ह से प्रेरित है. नए ध्वज निशान में ऊपर बाएं कोने में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा अंकित है और दाहिने ओर एक नीले रंग का अष्टकोण जिसके अन्दर भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चक्र गोल्डेन रंग में अंकित है और उसके ठीक नीचे 'सत्यमेव जयते' लिखा हुआ है. नए ध्वज पर पहले की ही तरह नौसेना का आदर्श वाक्य 'शं नो वरुणः' (‘Sam No Varunah’) को देवनागरी में अंकित है. ध्वज पर अंकित अशोक चक्र भारत की राष्ट्रीय दृढ़ता को दर्शाता है.
ध्वज के निशान को क्यों बदला गया?
नौसेना के पूर्व के ध्वज में औपनिवेशिक अतीत की झलक दिखाई देती थी. जिसमे अब जाके निर्णायक बदलाव किया गया है. पुराना ध्वज हमेशा से हमें गुलामी की याद दिलाता था. पुराने ध्वज के ऊपरी बाएं कोने पर यूनाइटेड किंगडम के यूनियन जैक के साथ सफेद बैकग्राउंड पर लाल जॉर्ज क्रॉस था. जो हमें औपनिवेशिक काल की याद दिलाता था. नया ध्वज भारत की नौसेना को एक नयी ऊर्जा देगा क्योंकि अब हम औपनिवेशिक काल के ध्वज निशान से बाहर आ चुके है.
#Historical...
— IN (@IndiannavyMedia) September 2, 2022
Hon'ble PM @narendramodi unveils the new #naval ensign making 02 Sep 2022 as a momentous day in the history of #IndianNavy#HarKaamDeshKeNaam@DefenceMinIndia@Indiannavy pic.twitter.com/eu3BpmWQfX
कैसे चुना गया नया निशान?
नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सरकार ने नौसेना मुख्यालय द्वारा भेजे गए 10 अलग-अलग डिजाइनों में से नया नौसेना ध्वज निशान चुना गया है. उन्होंने बताया की भारत की प्राचीन काल की नौसेनाओं के समय के चिन्ह को नए ध्वज निशान के रूप में चुने जाने का भी सुझाव दिया गया था. साथ ही भारत के 11 विभिन्न तटीय राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले ध्वज निशान का भी सुझाव दिया गया था.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation