जापान के प्रोफेसर हिरोशी मारुई तीसरे प्रतिष्ठित आईसीसीआर भारतविद् पुरस्कार से सम्मानित किये गए हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 27 नवंबर, 2017 राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में प्रोफेसर हिरोशी मारुई को तीसरे प्रतिष्ठित आईसीसीआर भारतविद् पुरस्कार से सम्मानित किया.
इस अवसर राष्ट्रपति ने प्रतिष्ठित भारतविद् पुरस्कार प्राप्त करने के लिए प्रोफेसर हिरोशी मरुई को बधाई दी और इंडोलजी में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए धन्यवाद दिया. राष्ट्रपति ने कहा कि प्रोफेसर हिरोशी मारुई के कार्यों से सिर्फ परंपरागत इंडोल़जी ही नहीं बल्कि भारत के विभिन्न पहलुओं के बारे में अध्ययन को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही साथ राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संस्कृति और इसके कई गुण सदियों में विकसित हुए हैं एवं समय की गहराई ने इसे एक अनोखी ताकत और चरित्र दिया है.
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प्रोफेसर मारुई 40 वर्ष से भारतीय दर्शन और बौद्ध अध्ययन पर काम कर रहे हैं. उनके शोध पत्रों को दुनिया भर में कई विषयों पर अंतिम राय के तौर मान्यता मिली हुई है. जापानी एसोसिएशन ऑफ इंडियन और बौद्ध स्टडीज के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने जापान में इंडोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
विदित हो कि विदेशों में कार्य कर रहे जाने माने भारतविद को प्रति वर्ष सम्मानित करने के लिये आईसीसीआर ने 'गणमान्य भारतविद' पुरस्कार की शुरूआत की. प्रख्यात विद्वानों को भारत दर्शन का अध्ययन/शिक्षण/अनुसंधान, विचार, इतिहास, कला, संस्कृति, भाषा, साहित्य, सभ्यता, समाज के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है.
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