भारतीय रेलवे ने 24 जून 2020 को कहा कि वे 31 अक्टूबर तक अगले 125 दिनों के दौरान 1,800 करोड़ रूपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये आठ लाख मानव दिवस सृजित करेगा. रेल मंत्री ने 24 जून 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से क्षेत्रीय रेलवे कार्यालयों और रेलवे पीएसयू के साथ बैठक के दौरान गरीब कल्याण रोजगार अभियान की प्रगति की समीक्षा की है.
रेलवे के अनुसार, यह छह राज्यों के 116 जिलों में लागू किये जा रहे सरकार के ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान का हिस्सा होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की है, जिसके तहत 6 राज्यों के 116 जिलों के प्रवासी श्रमिकों को काम दिया जाएगा.
6 राज्यों का चयन
इस योजना के लिए जिन 6 राज्यों का चयन किया गया है, उनमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, ओडिशा और झारखंड शामिल हैं. ये वे राज्य हैं, जहां लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक संख्या में मजदूरों ने पलायन किया है. इन राज्यों में भी जिलेवार चयन किया गया है.
रेलवे मजदूरों को काम देगा
रेलवे ने हाल ही में निर्णय लिया है कि केंद्र सरकार की बहुचर्चित महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के तहत वह इन मजदूरों को काम देगा. रेलवे ने इसकी शुरआत भी कर दी है. रेलवे इनसे ग्रामीण और शहर के रेलवे स्टेशन के निर्माण कार्य से लेकर लेवल क्रॉसिंग, पटरियों के आसपास की सफाई, मिट्टी-गिट्टी की भराई, सफाई और पौधरोपण जैसे काम कराएगा. वर्तमान में रेलवे को भी अपनी अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए मजदूरों की कमी हो रही है. इसे मनरेगा के जरिये वे दूर करेगा.
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि ट्रेन, पटरी और स्टेशन की संरक्षा से जुड़े सभी कामों को वह अपने अनुभवी कर्मचारी और मशीनों के माध्यम से ही पूरा कराएगा, लेकिन इन कामों से जुड़े अन्य छोटे-छोटे कामों को वे मनरेगा के जरिये मजदूरों से भी करा सकता है. रेलवे में मनरेगा के तहत जो मजदूर काम करेंगे उनका पारिश्रमिक मनरेगा खाते से ही केंद्र सरकार द्वारा दिया जाएगा.
गरीब कल्याण रोजगार अभियान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी संकट से प्रभावित प्रवासी कामगारों की बड़ी संख्या में घर वापसी को देखते हुए क्षेत्रों व गांवों में सशक्त बनाने और आजीविका उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 20 जून 2020 को गरीब कल्याण रोजगार अभियान नाम से एक व्यापक रोजगार-सह-ग्रामीण सार्वजनिक कार्य मुहिम का शुभारम्भ किया था. प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत टिकाऊ ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जाएगी.
इस अभियान के दौरान 50,000 करोड़ रुपये के सार्वजनिक कार्य कराए जाएंगे. यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों ग्रामीण विकास पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खनन, पेयजल एवं स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा, सीमावर्ती सड़कें, दूरसंचार एवं कृषि का मिला जुला प्रयास होगा.
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