केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 15 मई 2020 को घरेलू रक्षा और एयरोस्पेस के लिए 400 करोड़ की योजना को मंजूरी दे दी है. इस योजना के तहत घरेलू रक्षा उद्योग द्वारा देश में विकसित और निर्मित सैन्य हार्डवेयर (उपकरणों) के परीक्षण के लिए 400 करोड़ रुपए की लागत से केन्द्र तैयार किए जाएंगे.
इन केंद्रों में देश में विकसित और निर्मित सैन्य हार्डवेयर (उपकरणों) का परीक्षण किया जाएगा. रक्षा उपकरण परीक्षण योजना (डीटीआईएस) का मुख्य उद्देश्य देश में रक्षा एवं हवाई क्षेत्र के उत्पादन को बढ़ावा देना है. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने 400 करोड़ रुपए के शुरुआती बजट के साथ डीटीआईएस को मंजूरी दे दी है. इसके तहत रक्षा क्षेत्र के लिए अत्याधुनिक ढांचा/परिसर विकसित किए जाएंगे.
यह योजना पांच साल के लिए
बयान के मुताबिक, यह योजना पांच साल की अवधि के लिए है और इस दौरान निजी उद्योगों की साझेदारी से छह से आठ नये परीक्षण केन्द्र स्थापित किए जाएंगे. रक्षा मंत्रालय ने आगे बताया कि इन योजनाओं के लिए सरकार अनुदान के रुप में 75 प्रतिशत की राशि देगी और बाकि 25 प्रतिशत लागत निजी उद्योगों और राज्य सरकारों की ओर से दी जाएगी.
रक्षा मंत्री ने क्या कहा?
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि उनका मंत्रालय सीमाओं पर दिखाई देने वाले या कोरोना वायरस जैसे अदृश्य शत्रुओं, सभी को नष्ट करने के लिए प्रतिबद्ध है.उन्होंने कहा था कि भारत को सैन्य निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना चाहिए तथा सरकार एक नीतिगत खाका लाकर घरेलू रक्षा उद्योग का समर्थन कर रही है.
रक्षा मंत्री ने कहा था कि हमें हमेशा यह ध्यान रखना है कि स्वदेशी तकनीक और स्वदेशी निर्माण का कोई विकल्प नहीं है. हम वास्तव में तभी आत्मनिर्भर होंगे जब भारत प्रौद्योगिकी के आयातकर्ता के बजाय निर्यातक बनने में सफल होगा. उन्होंने कहा था कि हमारी यात्रा लंबी है, लेकिन अहम बात यह है कि हमने इस पर काम किया है. हम भारत को रक्षा उपकरणों के विनिर्माण राष्ट्र के रूप में स्थापित करने हेतु लगातार काम करेंगे.
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