वैज्ञानिकों ने हाल ही में मानव मस्तिष्क के एक अत्यंत छोटे हिस्से की पहचान की है, जो न सिर्फ आवाज पहचानने में, बल्कि आवाजों में अंतर करने में मदद करता है. जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने बताया कि हमारे मस्तिष्क में पोस्टीरियर सुपिरियर टेंपोरल गाइरिस (एसटीजी) आवाज की पहचान के लिए जिम्मेदार है.
यह भी पढ़ें: नदियां सूखने पर भी 3000 वर्ष तक जिंदा रही सिंधु घाटी सभ्यता: शोध अध्ययन
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• यह दाहिने पोस्टीरियर टेम्पोरल लोब का एक भाग होता है जो स्तनधारी के दिमाग के चार प्रमुख भागों में से एक है.
• शोध में पता चला है कि जिन लोगों में खास तौर से दाहिने पोस्टीरियर टेम्पोरल लोब में चोट लग जाती है, उन्हें आवाज पहचानने में कठिनाई होती है.
• मैक्स प्लैक इंस्टीट्यूट की वैज्ञानिक क्लाउडिया रोसवाडोविट्ज ने कहा की चोट वाले मरीजों की जांच से पता चला है कि दिमाग का कौन-सा भाग किस कार्य के लिए जिम्मेदार है.
• अगर दिमाग का एक निश्चित भाग चोटिल है और इस वजह से एक तय कार्य नहीं कर पाता है तो दोनों अवयवों को एक साथ जोड़ सकते हैं.
शोधकर्ताओं ने दिमाग में घाव वाले मरीजों खास तौर से स्ट्रोक से पीड़ितों का परीक्षण किया और उनकी सीखने और आवाज पहचाने की क्षमता की जांच की. इस शोध का प्रकाशन पत्रिका 'ब्रेन' में किया गया है.
शोधकर्ताओं ने अमेरिकी युद्धपोत इंडियानापोलिस का 72 वर्ष बाद मलबा खोज निकाला
Comments
All Comments (0)
Join the conversation