Jamshed J Irani: टाटा स्टील के पूर्व एमडी डॉ जमशेद जे ईरानी (Dr Jamshed J Irani) का 86 वर्ष की आयु में जमशेदपुर में निधन हो गया है. उन्हें 'स्टील मैन ऑफ इंडिया' के नाम से जाना जाता था. वह टाटा स्टील से 43 वर्ष तक जुड़े हुए थे. उनके निधन से देश के उद्द्योग जगत में शोक की लहर है. उनके निधन पर देश के राजनेताओं सहित उद्द्योग जगत के लोगों ने शोक व्यक्त किया है.
वह जून 2011 में टाटा स्टील के बोर्ड से रिटायर हुए थे. उनके नेतृत्व में टाटा स्टील ने काफी ग्रोथ की थी साथ ही कंपनी ने कई अवार्ड भी जीते थे. वह वर्ष 1992 में कंपनी के एमडी बने थे और रिटायर होने तक इस पद पर बने हुए थे. उन्हें वर्ष 2007 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
We are deeply saddened at the demise of Padma Bhushan Dr. Jamshed J Irani, fondly known as the Steel Man of India. Tata Steel family offers its deepest condolences to his family and loved ones. pic.twitter.com/gGIg9JgGMS
— Tata Steel (@TataSteelLtd) October 31, 2022
कौन थे जमशेद जे ईरानी?
जमशेद जे ईरानी का जन्म 2 जून 1936 को नागपुर में हुआ था. उनके पिता का नाम जिजी ईरानी और माता का नाम खोरशेद ईरानी था. उन्होंने नागपुर में 1956 में साइंस कॉलेज से बीएससी के बाद नागपुर यूनिवर्सिटी से जियोलॉजी में एमएससी की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद वह हायर एजुकेशन के लिए विदेश चले गए थे. और अपनी पढ़ाई पूरी कर 1968 में भारत लौटे थे.
नाम | डॉ जमशेद जे ईरानी |
जन्म | 2 जून 1936 (नागपुर) |
पिता का नाम | जिजी ईरानी |
माता का नाम | खोरशेद ईरानी |
शिक्षा | एमएससी (नागपुर यूनिवर्सिटी), शेफ़ील्ड यूनिवर्सिटी (पीएचडी) |
अवार्ड | क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा मानद नाइटहुड (1997), पद्म भूषण (2007) |
निधन | 31 अक्टूबर 2022 |
टाटा स्टील में दिया था अहम योगदान:
- डॉ जमशेद जे ईरानी ने अपने पेशेवर करियर की शुरुआत 1963 में शेफील्ड में ब्रिटिश आयरन एंड स्टील रिसर्च एसोसिएशन के साथ शुरू की थी.
- वर्ष 1968 में भारत लौटने के बाद वह टाटा आयरन एंड स्टील से जुड़े जो बाद में टाटा स्टील के नाम से जाना जाने लगा. वह टाटा स्टील में बतौर अनुसंधान और विकास के प्रभारी निदेशक के सहायक के रूप में शामिल हुए.
- उनकी क्षमता को देखते हुए 1978 में उन्हें जनरल सुपरीटेंडेंट बना दिया गया और 1979 में जनरल मेनेजर पद पर प्रमोट कर दिया गया था.
- उनके अहम योगदान की देखते हुए वर्ष 1985 में टाटा स्टील का प्रेसिडेंट बना दिया गया था. उन्हें 1988 में टाटा स्टील का संयुक्त प्रबंध निदेशक बना दिया गया था.
- बाद में उनके अनुभव को देखते हुए वर्ष 1992 में कंपनी का प्रबंध निदेशक बना दिया गया और वह इस पद पर वर्ष 2011 तक रहे थे.
- वह टाटा स्टील और टाटा संस के अलावा, ईरानी ने टाटा टेलीसर्विसेज, टाटा मोटर्स सहित कई टाटा समूह की कंपनियों के निदेशक के रूप में भी काम किया था.
नए कंपनी अधिनियम के सृजन में दिया था योगदान:
वर्ष 2004 में उन्हें भारत सरकार ने उन्हें नए कंपनी अधिनियम के निर्माण के लिए विशेषज्ञ समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया था. साथ ही वह भारतीय प्रबंधन संस्थान, लखनऊ में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं दी थी.
खेल गतिविधियों में भी थी रूचि:
खेल गतिविधियों में भी उनकी एक विशेष रूचि थी. उन्होंने अपनी बहन के साथ मिलकर अपने पिता की याद में क्रिकेट टूर्नामेंट जिजी ईरानी चैलेंज कप की स्थापना सिकंदराबाद में की थी. रिटायरमेंट के बाद वह विशेष रूप से क्रिकेट में अधिक समय दिया काफी लम्बे समय तक वह खेल गतिविधियों से जुड़े रहे थे.
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