India's First Green Steel Brand: स्टील मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारत के पहले ग्रीन स्टील ब्रांड-कल्याणी फेरेस्टा (KALYANI FeRRESTA)को लॉन्च किया है. यह भारत में अपने तरह की एक नई पहल है जो जीरो-कार्बन फुटप्रिंट पर आधारित है.
इस ग्रीन स्टील ब्रांड का निर्माण पुणे स्थित कल्याणी समूह द्वारा किया गया है जो पूर्ण रूप से नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों के उपयोग से तैयार किया गया है. स्टील सेक्टर में कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए सरकार ने नेशनल स्टील पॉलिसी को लागू किया है.
लॉन्चिंग के मौके पर इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह स्टील इंडस्ट्री में एक आदर्श बदलाव है. आगे इन्होने कहा कि ग्रीन स्टील प्रोडक्शन के साथ भारत उन देशों का नेतृत्व कर रहा है जो जीरो-कार्बन फुटप्रिंट के लिए प्रतिबद्ध है.
Steel Minister @JM_Scindia launches India's first green steel brand- Kalyani FeRresta- in New Delhi.
— All India Radio News (@airnewsalerts) December 20, 2022
Pune-based steel manufacturing group, the #Kalyani has made this first of its kind steel by using renewable energy, leaving zero carbon footprints in the environment. pic.twitter.com/Q02j2Okqwx
ग्रीन स्टील:
ग्रीन स्टील का निर्माण बिना फॉसिल फ्यूल के किया जाता है. इसके निर्माण में एनर्जी सोर्स के रूप में हाइड्रोजन, कोयला गैसीकरण, या बिजली का उपयोग किया जाता है. स्वीडन ने पहली बार फॉसिल फ्यूल फ्री स्टील का निर्माण किया था जिसे ग्रीन स्टील के रूप में भी जाना जाता है.
ग्रीन स्टील का महत्व:
इस तरह की पहल को स्टील प्रोडक्शन फील्ड में एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है. स्टील सेक्टर में लम्बे समय से चली आ रही कार्बन इमिटिंग 'हार्ड टू एबेट सेक्टर' की अवधारणा को बदलने का एक अच्छा प्रयास है.
ग्रीन स्टील को बढ़ावा देने से देश में स्टील इंडस्ट्री से होने वाले कार्बन इमिशन को कम किया जा सकता है.
इंटरनेशनल लेवल पर, स्टील इंडस्ट्री के द्वारा 7 प्रतिशत का कार्बन इमिशन होता है जिसमे भारत की स्टील इंडस्ट्री का से होने वाला इमिशन 12 प्रतिशत भाग शामिल है.
भारत में इस तरह के इको फ्रेंडली प्रयास से भारत के नेट जीरो-कार्बन लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी साथ ही यह हमारे एनवायरनमेंट के लिए भी लाभकर होगा.
नेशनल स्टील पॉलिसी:
नेशनल स्टील पॉलिसी वर्ष 2017 में जारी की गयी थी, जिसका उद्देश्य यह है कि 2030 तक 300 मीट्रिक टन की स्टील प्रोडक्शन क्षमता को हासिल किया जाये. इस पॉलिसी के तहत घरेलू खपत बढ़ाने, उच्च गुणवत्ता वाले स्टील का उत्पादन, और भारत में विश्व स्तर की स्टील का निर्माण शामिल है.
नेशनल स्टील पॉलिसी के तहत ग्रीन स्टील के निर्माण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. जिससे देश में कार्बन फुटप्रिंट की कम किया जा सके.
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