सुमन कुमारी पाकिस्तान की पहली हिंदू महिला सिविल जज बन गई हैं. इससे पहले वहां कोई हिंदू महिला जज नहीं बनी थी.
न्यायिक अधिकारियों की परीक्षा पास करने के बाद हिंदू महिला को सिविल न्यायाधीश नियुक्त किया गया. उन्होंने सिविल जज की नियुक्ति के लिए जारी हुई मेरिट लिस्ट में 54वीं रैंक हासिल की थी.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, सिंध प्रांत के कंबर- शहदादकोट की रहने वाली सुमन कुमारी अपने गृह जिले में सेवाएं देंगी. शहदादकोट सिंध और बलूचिस्तान की सीमा पर बसा हुआ एक पिछड़ा शहर है. वर्ष 2010 में आई बाढ़ के दौरान जो शहर प्रभावित हुए थे, उनमें शहदादकोट भी शामिल था.
चुनौतीपूर्ण सफ़र:
ग्रामीण इलाके से आने के बावजूद सुमन ने सभी चुनौतियों का सामना करते हुए अपने सपने को साकार किया. सुमन को अपने समुदाय के लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा क्योंकि उन्हें लड़कियों का लॉ फील्ड में काम करना पसंद नहीं था. हालांकि, उनके परिवार ने हमेशा उनका साथ दिया.
सुमन कुमारी के बारे में:
• सुमन ने हैदराबाद से एलएलबी और कराची की सैयद जुल्फिकार अली भुट्टो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान से कानून में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है.
• सुमन के पिता नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं और उनका बड़ा भाई सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. उनकी बहन चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं. सुमन गायक लता मंगेशकर और आतिफ असलम की प्रशंसक हैं.
• वे कराची में मशहूर वकील रिटायर्ड जस्टिस रशीद रिज़वी के लॉ फ़र्म के साथ जुड़ी रहीं और उनके साथ दो साल प्रैक्टिस की.
• सुमन कम्बर-शाहददकोट जिले के गरीबों को मुफ्त कानून सहायता मुहैया कराना चाहती हैं.
पहले हिंदू जज:
पाकिस्तान में हिंदू समुदाय से पहले जज के रूप में जाने-माने जस्टिस राना भगवानदास नियुक्त हुए थे. वे वर्ष 1960 से वर्ष 1968 तक पाकिस्तान के चीफ जस्टिस रहे. इसके अलावा उन्होंने वर्ष 2005 से वर्ष 2007 तक कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला था.
पाकिस्तान में हिंदू:
पाकिस्तान में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक की श्रेणी में आता है. देश की कुल जनसंख्या में हिंदुओं की आबादी करीब दो फीसदी है. यहां मुस्लिम आबादी के बाद हिंदू दूसरे नंबर पर हैं.
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