केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण में डिजिटल इकॉनमी तथा अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न घोषणाएं की. इन घोषणाओं से भ्रष्टाचार तथा कालेधन को समाप्त करने के लिए 3 लाख से अधिक के नगद लेन-देन पर प्रतिबन्ध लगाया गया है.
भीम एप्प: डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए भीम एप्प का शुभारंभ किया गया था और इससे डिजिटल भुगतान और वित्तीय समावेशन के लिए मोबाइल फोनों की शक्ति बढ़ेगी. भीम एप्प के उपयोग को बढा़वा देने के लिए दो नई योजनाएं अर्थात् व्यक्तियों के लिए रेफरल बोनस स्कीम और व्यापारियों के लिए कैशबैक स्कीम शुरू की जाएगी.
आधार समर्थित भुगतान प्रणाली: जिन लोगों के पास डेबिट कार्ड, मोबाइल वॉलेट और मोबाइल फोन नही है, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उनके लिए आधार समर्थित भुगतान प्रणाली के व्यापारिक संस्करण के जल्द ही शुरू किए जाने की भी घोषणा की.
यूपीआई, यूएसएसडी, आधार भुगतान, आईएमपीएस और डेबिट कार्डों के जरिए 2017-18 के लिए 2500 करोड़ डिजिटल लेन-देन के लक्ष्य के साथ एक मिशन की स्थापना की जाएगी. बैंकों ने मार्च, 2017 के अंत तक 10 लाख नए पीओएस टर्मिनल शुरू करने का लक्ष्य रखा है.
राजस्व और पूंजी व्यय: वित्त मंत्री ने कटौती के रूप में राजस्व और पूंजी व्यय के लिए नगदी व्यय की सीमा 10 हज़ार रुपए तक करने का भी प्रस्ताव किया है. इसी प्रकार किसी धर्मार्थ न्या्स द्वारा प्राप्त की जाने वाली नगद दान की राशि की सीमा को 10 हजार से घटाकर दो हजार रुपए कर दिया गया है.
वित्तीय समावेशन: वित्तीय समावेशन और जनधन, आधार, मोबाइल (जेएएम) त्रिसूत्र को बढ़ावा देने के सरकार के पहले के प्रयास वर्तमान में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण थे.
नगदी रहित लेनदेन: पेट्रोल पम्पोंं, उर्वरक डिपो, नगर पालिकाओं, ब्लॉक कार्यालयों, सड़क परिवहन कार्यालयों, विश्व विद्यालयों, महाविद्यालयों, अस्पतालों और अन्य संस्थानों में डिजिटल भुगतान की सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाएंगे. निर्धारित सीमा से अधिक डिजिटल माध्यम से किए गए सरकारी लेनदेन की रसीद देना अनिवार्य करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है. वित्त मंत्री ने कहा कि इन पहलों के लिए संसाधनों को बढ़ाने के लिए सरकार वित्तीय समावेशन निधि को सुदृढ करेगी.
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