भारतीय मूल के फिजीशियन और अमेरिकी वायु सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल मेनन को नासा ने हाल ही में अपने भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए चुना है. नासा ने इन अभियानों के लिए कुल 10 लोगों को चयनित किया है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने 07 दिसंबर 2021 को यह घोषणा किया.
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अगले मून मिशन के तहत चंद्रमा पर मानव की वापसी होगी. इस बार अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर पहले से ज्यादा समय बिताएंगे जहां से उनकी निगाहें मंगल पर होंगी. नासा ने अपने इस मिशन के लिए 10 नए अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया है. इसमें भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री डॉ अनिल मेनन का नाम भी शामिल है.
We're honored to announce the 2021 class of NASA Astronaut Candidates! Get to know them: https://t.co/NbU6BlaTQK.
— NASA Astronauts (@NASA_Astronauts) December 6, 2021
All 10 of these individuals are taking YOUR #askNASA questions, right here on this thread. What do you want to ask them about becoming a NASA Astronaut? pic.twitter.com/byeGl8yphh
12 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किया
नासा ने 06 दिसंबर 2021 को 10 नए अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया. इनमें से आधे सैन्य पायलट हैं. इसके लिए 12 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किया था. चयनित 10 लोगों की उम्र 30 से 40 वर्ष के बीच है. इन्हें 'स्पेसफ्लाइट' में यात्रा करने के योग्य बनाने के लिए पहले दो साल का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन सभी 10 उम्मीदवारों का जॉनसन स्पेस सेंटर में दो वर्षीय प्रशिक्षण जनवरी 2022 से शुरू होगा.
इन 10 लोगों को चयनित किया गया
अनिल मेनन, निकोल एयर्स, मार्कोस बेरियोस, ल्यूड डेलनी, जेसिका विटनर, डेनिज बर्नहैम, जैक हैथवे, क्रिस्टोफर विलियम्सस, क्रिस्टीबा बिर्च और आंद्रके डगलस.
जानें कौन है अनिल मेनन?
भारतीय मूल के अनिल मेनन का जन्म यूक्रेन में हुआ था. वे अमेरिकी एयर फोर्स में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात हैं. वे स्पेसएक्स के पहले फ्लाइट सर्जन थे, जिन्होंने नासा के स्पेसएक्स डेमो -2 मिशन के दौरान एक चिकित्सा संगठन का निर्माण किया था.
उनके पास पहले से ही फ्लाइट सर्जन के रूप में नासा के साथ काम करने का अनुभव है. अनिल मेनन एक प्रेक्टिसिंग इमरजेंसी मेडिसिन फिजिशियन हैं. उन्हें ऑपरेशन एंड्योरिंग फ्रीडम के लिए अफगानिस्तान में तैनात किया गया था.
उन्होंने साल 1999 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से न्यूरोबायोलॉजी में बैचलर्स की डिग्री और साल 2004 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की थी. उन्होंने साल 2009 में स्टैनफोर्ड मेडिकल स्कूल से डॉक्टर ऑफ मेडिसिन के साथ ग्रैजुएट किया था.
अनिल मेनन एक डॉक्टर के रूप में हैती में 2010 भूकंप, नेपाल में 2015 भूकंप और 2011 रेनो एयर शो दुर्घटना के दौरान पहले प्रतिक्रिया दल का हिस्सा थे. वायु सेना में, उन्होंने फ्लाइट सर्जन के रूप में 45वें स्पेस विंग और 173वें फाइटर विंग में सेवाएं दीं.
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