फ्रांस में पुलिस द्वारा एक किशोर की गोली मारकर हत्या किये जाने के बाद भड़की अशांति पांचवें दिन भी जारी है. फ्रांस के आंतरिक मंत्रालय ने रविवार को रात भर में 719 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है. इससे पहले शुक्रवार रात को 1,300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
फ्रांस में हो रहे हिंसक प्रदर्शन की गूंज पड़ोसी देश स्विट्जरलैंड और बेल्जियम तक भी पहुंचनें लगी है. बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में लगभग एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया. इस बीच मारे गए किशोर की दादी ने लोगों से दंगे ख़त्म करनेकी अपील की है. उन्होंने कहा कि वह चाहती है कि देशव्यापी दंगे जल्द ख़त्म हो.
France protests: 719 arrested in overnight riots, informs ministry
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राष्ट्रपति ने अपनी यात्रा की स्थगित:
फ्रांस में फैली अशांति को देखते हुये फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने अपनी जर्मनी की राजकीय यात्रा स्थगित कर दी है. जर्मन राष्ट्रपति के एक प्रवक्ता ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि मैक्रॉन ने, जर्मन राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर से फोन पर बात की और उन्हें स्थिति की जानकारी दी.
कौन है नाहेल जिसकी मौत के बाद हो रहे दंगे:
ट्रैफिक स्टॉप के लिए न रुकने वाले 17 वर्षीय लड़के की पहचान नाहेल के रूप में की गई है. परिवार के एक परिचित के अनुसार, उनकी मां अल्जीरियाई और पिता मोरक्कन हैं. फ्रांस के नॉनटैर में ट्रैफिक स्टॉप के लिए न रुकने पर नाहेल को गोली मार दी गयी थी, जिससे उसकी मौत हो गयी थी.
नाहेल डिलीवरी बॉय का काम करता था साथ ही वह रग्बी का भी खिलाड़ी था. वह अपनी मां की इकलौती संतान था, उनकी मां का कहना है कि उसे अरब मूल का होने के कारण उसे मारा गया.
ट्रैफिक स्टॉप पर क्या हुआ?
पेरिस के पश्चिमी बाहरी इलाके के नैनटेरे उपनगर में सुबह 7:55 बजे एक मर्सिडीज को बस लेन में गाड़ी चलाते हुए देखा गया, जिसके बाद पुलिस ने सायरन और लाइट का उपयोग करके उसे लाल बत्ती पर रोकने का प्रयास किया, लेकिन नाहेल ने उसकी बात नहीं मानी, जिसके बाद पुलिस ने उसे रोकने के लिए बंदूक का उपयोग किया और उसकी मौत हो गयी. जिसके बाद से फ्रांस में हिंसक प्रदर्शन जारी है.
फ्रांस में पहले भी हो चुके है ऐसे हिंसक प्रदर्शन:
संयुक्त राज्य अमेरिका और कुछ अन्य यूरोपीय देशों की तरह, फ्रांस में भी पुलिस के रवैये पर सवाल उठाये गए है. खासकर अल्पसंख्यकों के खिलाफ उनके रवैये पर सवाल उठाये गए है.
अकेले 2022 में, फ्रांसीसी पुलिस द्वारा चलती कारों पर गोली चलाने की 138 घटनाएँ दर्ज की गईं है, जबकि यातायात रुकने के दौरान हुई गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गई थी.
वर्ष 2005 की बात करें तो पेरिस के उपनगर क्लिची-सूस-बोइस में भी इस तरह की हिंसा भड़की थी जब अफ्रीकी मूल के दो किशोरों की बिजली सबस्टेशन में करंट लगने से मौत हो गई थी, क्योंकि वे दोनों पुलिस से छिप रहे थे. उस समय फ्रांस में तीन हफ्तों तक अशांति का माहौल था. तत्कालीन राष्ट्रपति जैक्स शिराक ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी.
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