अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कैलिफोर्निया के समुद्र तट की तलहटी में मिले अति सूक्ष्मजीव (माइक्रोऑर्गैज्म) से एक नया विलक्षण एंटीबायोटिक यौगिक विकसित किया. यह एंटीबायोटिक विलक्षण मानव स्वास्थ्य को गंभीर ख़तरा पहुँचाने वाली दवाइयों के प्रतिरोधक के रूप में काम कर सकता है. यह शोध विलियम फेनीकल के नेतृत्व में किया गया.
इस यौगिक का नाम एंथ्रासिमाइसीन रखा गया है और यह एमआरएसए और एंथ्रैक्स जैसी बीमारियों के इलाज में उपयोग किया जा सकता है. एमआरएसए एक बैक्टीरिया (जीवाणु) है जो संक्रमण वाली कई प्रकार की बीमारियों के लिए ज़िम्मेदार होता है.
यह यौगिक जिस स्ट्रेप्टोमाइसेस बैक्टीरिया से निकाला गया है उसे क्रिस्टोफर कॉफ़मैन ने प्रशांत महासागर की तलहटी से प्राप्त किया था. इस यौगिक की विशिष्ट रासायनिक संरचना नई तरह की एंटीबायोटिक दवाइयों के विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं.
विदित हो कि इस खोज से इस बात को बल मिला है कि समुद्र में अभी-भी ऐसे बहुत से पदार्थ और यौगिक हैं जिनका व्यापक उपयोग हो सकता है.
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