केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 9 जुलाई 2014 को लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2013-14 पेश किया. वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा जारी यह पहला आर्थिक सर्वेक्षण है.
आर्थिक सर्वेक्षण 2013-14 के मुख्य बिंदु
• सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर 5.4 से 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान
• वर्ष 2013-14 में सेवा क्षेत्र में एफडीआई 37.6 प्रतिशत से बढ़कर 6.4 बिलियन अमरीकी डॉलर हुआ जबकि एफडीआई के क्षेत्र में कुल निवेश वृद्धि दर 6.1 फीसदी रही.
• रुपया स्थिर हुआ है जिससे स्पष्ट है कि विदेशी मुद्रा बाजार और पूंजी बाजारों में भरोसा बढ़ा
• सब्सिडी योजना में सुधार के लिए बायोमेट्रिक पहचान की व्यवस्था होगी
• मध्यम अवधि में विनिर्माण में ढांचागत बदलाव को प्रोत्साहित करने की जरूरत
• प्रत्यक्ष कर संहिता को मौजूदा आयकर कानून का साफ-सुथरा और आधुनिक विकल्प बनाने पर जोर
• 2014-15 में विनिर्माण और भुगतान संतुलन में सुधार की उम्मीद
• राजकोषीय मजबूती के जरिये निम्न और स्थिर मुद्रास्फीति की दिशा में बढ़ने पर जोर
• थोकमूल्य मुद्रास्फीति में गिरावट की उम्मीद
• चालू खाते और राजकोषीय घाटे में सुधार से 2014-15 के दौरान वृद्धि बढ़ेगी
• लगातार दो वर्ष विकास दर पांच प्रतिशत से नीचे रहने का अनुमान
• समाप्त वित्त वर्ष में कृषि एवं उससे जुडे क्षेत्रों की विकास दर 4.7 प्रतिशत
• विकास दर धीमी रहने का सभी क्षेत्रों विशेषकर उद्योग क्षेत्र पर बुरा असर
• राजनीतिक तनाव का अर्थव्यवस्था पर नाकारात्मक दबाव
• अप्रैल के बाद उद्योगों की रिकवरी जारी
• उत्पादन में सुधार की जरूरत
• खराब मानसून से निपटना बड़ी चुनौती
• वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान वित्तीय घाटा 508149 करोड़ रुपए रहा जो जीडीपी का 4.5% है। 2012-13 में यह 4.9% था
• पिछले साल की तुलना में सरकारी घाटा कम हुआ
• उत्पादन में सुधार की उम्मीद
• वित्तीय घाटा कम करने के लिए सब्सिडी घटाने का संकेत
• पीडीएस में सुधार की जरूरत पर बल
• इस वर्ष अलनीनो की आशंका
• घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारणों से अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी रहने की उम्मीद
स्रोत- पत्र सूचना कार्यालय
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