सुप्रीम कोर्ट ने 28 दिसंबर 2015 को केरल सरकार के शराब बिक्री नियमन पर अपनी सहमति व्यक्त की. केरल सरकार के शराब बिक्री नियमन के तहत केरल में सिर्फ पांच सितारा होटलों में ही शराब बेचने की अनुमति है.
सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार की शराबबंदी कानून पर अपनी रजामंदी जताते हुए बारों में शराब पर बैन को सही बताया. राज्य सरकार ने नई नीति के तहत केवल पंच सितारा होटलों के बारों में ही शराब परोसने की अनुमति दी है. राज्य की ओमन चांडी सरकार ने वर्ष 2014 में लाई गई अपनी नीति के तहत 10 साल के अंदर राज्य को शराब से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. केरल सरकार के अनुसार, सरकार 10 साल के भीतर राज्य को पूरी तरह से शराब मुक्त बना देगी. सिर्फ 5 स्टार होटलों को इस नीति के तहत शराब परोसने की अनुमति दी गई है. आमतौर पर केरल में प्रत्येक निवासी प्रति वर्ष 8.3 लीटर अल्कोहल पीता है. राष्ट्रीय स्तर पर इसकी तुलना करें तो यह दोगुनी मात्रा है.
विदित हो कि केरल सरकार की 10 वर्षों में राज्य में पूरी तरह से शराबबंदी लागू करने के तहत बनाई गई नीति पर सुप्रीम कोर्ट ने 28 दिसंबर 2015 को अपनी मुहर लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की इस नीति के तहत केरल के बारों में शराब बैन को जारी रखा. केवल पांच सितारा होटलों में शराब परोसी जाएगी, जबकि 2, 3 और 4 सितारा बार वालों की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
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