ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण अमेरिका में वर्ष 2050 तक जल संकट पैदा होने की संभावना है. यह रिपोर्ट अमेरिका के लाफायेटे स्थित टेटरा टेक इन्कौर्पोरेशन के अनुसंधान और विकास विभाग द्वारा 16 फरवरी 2012 को जारी किया गया. ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारणों के अलावा जनसंख्या वृद्धि के चलते बढ़ती खपत और विद्युत उत्पादन के चलते पानी की मांग के स्तर में बढ़ोत्तरी होने की संभावना को भी जल संकट का प्रमुख कारण माना गया.
अमेरिका में वर्ष 2050 तक जल संकट पैदा होने संबंधी रिपोर्ट के अनुसार कुल 3,100 अमेरिकी काउंटियों में प्रत्येक 10 में से सात को ताजे पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है. रिपोर्ट में उन सभी स्थानों की पहचान वाला नक्शा भी लगाया गया है, जहां पानी की किल्लत होने वाली है. रिपोर्ट में अमेरिका के प्रत्येक काउंटी के लिए वर्ष 2050 तक का जल आपूर्ति स्थिरता जोखिम सूचकांक बनाया गया है. इस सूचकांक में पानी निकासी, अनुमानित वृद्धि, अनुमानित जलवायु परिवर्तन और अन्य कारकों के बारे में जानकारी दी गई है.
टेटरा टेक इन्कौर्पोरेशन के अनुसंधान और विकास विभाग ने जल आपूर्ति स्थिरता जोखिम सूचकांक के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि जलवायु परिवर्तन पानी की कमी के जोखिम को अत्यधिक बढ़ा सकता है. संस्थान ने इस समस्या से निपटने के लिए सुझाव भी दिए. सुझाव में तीन ओर से महासागरों से घिरे अमेरिकी महाद्वीप के लिए समुद्री जल को भी मीठे पानी में तब्दील कर सकने वाली तकनीक के अविष्कार पर बल दिया गया.
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