पेरू की प्रधानमंत्री अना जरा ने 30 मार्च 2015 को अपने पद से स्तीफा देना पड़ा. वह कांग्रेस में विश्वास मत नहीं प्राप्त कर सकीं उनके पक्ष में 42 मत पड़े जबकि विपक्ष में 72 मत पड़े. सदन के दो सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया.
अना जरा पर पेरू के सांसदों, बिजनेसमैन और पत्रकारों की जासूसी कराने का आरोप है.
यह पहला मौका है जब कार्यकाल में रहते हुए प्रधानमंत्री को बर्खास्त किया गया है.यह 1963 के बाद से पहला और इस शताब्दी का तीसरा ऐसा मतदान था.
प्रधानमंत्री के रूप में जरा की बर्खास्तगी ने वर्तमान राष्ट्रपति ओल्लानता ह्युमाला के लिए संकट की स्थिति पैदा कर दी है. यह उनके कार्यकाल का सबसे बड़ा संकट है.राष्ट्रपति के तौर पर उन्होंने अपना पद जुलाई 2011 में संभाला था. अब 72 घंटे के भीतर उन्हें सातवें प्रधानमंत्री और कैबिनेट का चयन करना होगा.
उनके द्वारा नामित उमीदवार को कांग्रेस की सहमति चाहिए होगी यदि उम्मीदवार को बहुमत नहीं प्राप्त होता है तो राष्ट्रपति को संसद भंग करनी पड़ेगी और पुनः चुनाव कराने पड़ेंगे.
बुलाना पड़ेगा से खारिज कर दिया है, तो सुप्रीम कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति द्वारा आयोजित कर रहे हैं.
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