नीरजा माथुर ने 26 अगस्त 2015 को गोवा और संघ शासित प्रदेशों के संयुक्त विद्युत नियामक आयोग (जेईआरसी) के सदस्य का पदभार संभाल लिया. विद्युत, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस अवसर पर विद्युत मंत्रालय और जेईआरसी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
8 दिसम्बर, 1954 को जन्मीं नीरजा माथुर, बी.ई. और प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त कर चुकी हैं. वह नवम्बर, 2013 से दिसम्बर, 2014 तक सीईए की अध्यक्ष रहीं. इससे पूर्व वह सदस्य (ग्रिड अभियान और वितरण) रही हैं और उन्होंने सीईए के अन्य वरिष्ठ पदों पर भी कार्य किया.
जेईआरसी की पृष्ठभूमि
दिल्ली के अलावा सभी केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए संयुक्त विद्युत नियामक आयोग (जेईआरसी) की स्थापना विद्युत अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा की गई. इसके बाद इसमें गोवा भी शामिल हो गया. आयोग में एक अध्यक्ष और एक सदस्य होता है.
अधिनियम के अंतर्गत गोवा और संघ शासित प्रदेशों के लिए जेईआरसी के मुख्य कार्यों में गोवा और छह संघ शासित प्रदेशों में उत्पादन, आपूर्ति, पारेषण के लिए मूल्यों को तय करना और व्हीलिंग ऑफ इलैक्ट्रिसिटी, विद्युत खरीद को नियमित करना, वितरण लाइसेंस की खरीद प्रक्रिया, अंतर्राज्य पारेषण सुविधाएं प्रदान करना आदि शामिल हैं.
इस अधिनियम के अंतर्गत संयुक्त आयोग राष्ट्रीय विद्युत नीति और शुल्क नीति के गठन, प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन, विद्युत उद्योग की गतिविधियों में कुशलता और मितव्य्यता, विद्युत उद्योग में निवेश को प्रोत्साहन आदि पर राज्य सरकार/संघ शासित प्रशासन को सलाह भी प्रदान करेगा.
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