मंगल ग्रह पर 2030 तक कॉलोनियां स्थापित करने के उद्देश्य से नासा ने मंगल ग्रह की यात्रा के अगले चरण की रूपरेखा जारी की

Oct 27, 2015, 17:39 IST

इस रुपरेखा में स्थायी बस्तियों की स्थापना और लाल ग्रह मंगल पर 2030 तक सघन अंतरिक्ष बस्ती सुविधाओँ के सृजन की योजना शामिल है.

9 अक्टूबर 2015 को नासा ने “नासाज जर्नी टू मार्सः पायोनियरिंग नेक्स्ट स्टेप्स इन स्पेस एक्सप्लोरेशन’ नाम से रिपोर्ट जारी की. इसमें स्थायी बस्तियों की स्थापना और लाल ग्रह मंगल पर 2030 तक सघन अंतरिक्ष बस्ती सुविधाओँ के सृजन की योजना शामिल है.इस योजना के तहत मनुष्य 2030 तक पृथ्वी से पूरी तरह स्वतंत्र होकर मंगल ग्रह की कॉलोनियों में जीएंगे और काम करेंगे, वह मंगल ग्रह पर प्रारंभिक प्रयास की तरह काम करेगा.

मंगल ग्रह की यात्रा के तीन चरण

नासा के अनुसार मंगल ग्रह की यात्रा में तीन चरण होंगें, प्रत्येक चरण की अलग चुनौतियां होंगीं. पृथ्वी से दूर होने और मंगल के करीब आने के साथ– साथ इंसानों की चुनौतियां बढ़ती जाएंगी.इन चुनौतियों का सामना करने के लिए नासा वृद्धिशील चरणों में क्षमताओं को विकसित और उनका प्रदर्शन कर रही है और वे निम्न हैं–
पृथ्वी उम्मीद अन्वेषणः यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के समीप अनुसंधान पर केंद्रित है. इस विश्वस्तरीय माइक्रोग्रैविटी प्रयगोशाला से, नासा तकनीकों का परीक्षण और मनुष्यों के स्वास्थ्य एवं प्रदर्शन शोध में आगे बढ़ रहा है जो गहरे अंतरिक्ष और लंबी अवधि के मिशनों के लिए सक्षम होगा.

प्रमाणन नींवः इसमें नासा गहरे अंतरिक्ष माहौल में जटिल संचालनों को आयोजित करना सीखेगा जो चालक दल को कुछ दिनों में पृथ्वी पर लौटने की अनुमति देगा. मुख्य रूप से पृथ्वी और चंद्रमा के बीच के स्थान (सिस्लूनर) संचालित – चंद्रमा के आस–पास अंतरिक्ष की मात्रा जिसमें भविष्य के गहरे अंतरिक्ष मिशनों के लिए कई संभावित स्थायी मचान कक्ष  हैं– नासा हमारे ग्रह पृथ्वी से बहुत दूर स्थित ग्रह जैसे मंगल पर मनुष्यों के जीवन औऱ काम करने के लिए जरूरी क्षमताओं को विकसित करेगा औऱ उन्हें मान्यता देगा.
पृथ्वी स्वतंत्र गतिविधियां– यहां नासा ने मंगल ग्रह के आस–पास मानव मिशन को सक्षम बनाने के लिए अंतरिक्ष स्टेशन और गहरे अंतरिक्ष में क्या सीखा निर्मित होगा, संभवतः लो–मार्स ऑर्बिट या मंगल के चंद्रमाओ में से एक और अंततः मंगल की सतह के लिए भविष्य के मंगल मिशन मंगल ग्रह पर पृथ्वी के परे टिकाऊ जीवन क्षमता की तलाश में नासा और उसके सहयोगियों के सहयोगात्मक प्रयास का प्रतिनिधित्व करेंगे.

प्रौद्योगिकी और संचालन चुनौतियां

नासा ने रिपोर्ट में तीन प्रौद्योगिकीय और संचालन संबंधी चुनौतियां बताई हैं. ये चुनौतियां हैं–
• अंतरिक्ष में परिवहन, मनुष्यों और माल को कुशलता, सुरक्षित और विश्वसनीयता के साथ भेजना.
• अंतरिक्ष में काम करना,चालक दल के उत्पादक संचालन क्षमता को सक्षम बनाना और रोबोटिक सिस्टम को सुदृढ़ बनाना.
• स्वस्थ रहना, विकासशील बस्ती प्रणाली जो सुरक्षित, स्वस्थ और सतत मानव अन्वेषण प्रदान करना.
रिपोर्ट के अंत में इन प्रश्नों का विवरण है- "क्या मंगल ग्रह माइक्रोबियल जीवन के लिए उपयुक्त है? क्या एक दिन यह मनुष्यों के लिए सुरक्षित घर साबित होगा? ब्रह्मांड में कहीं और जीवन या पृथ्वी पर जीवन आरंभ कैसे हुआ, के बारे में यह हमें क्या सीखाता है? इससे पृथ्वी के अतीत, वर्तमान और भविष्य के बारे में क्या सीखा जा सकता है?"

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