दुनियाभर के जंगल देखें, तो यह विविधतापूर्ण संसाधनों से भरे हुए हैं। इन जंगलों से हमें विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक संसाधन मिलते हैं, जिनमें लकड़ी सबसे अहम है। लकड़ियों के अलग-अलग प्रकार हैं, जिनका उपयोग घरों में फर्नीचर से लेकर अलग-अलग वस्तुओं के निर्माण में किया जाता है। आज भी ठंडे इलाकों में कंक्रीट की जगह लकड़ी से घरों को बनाया जाता है। इन घरों में बहुत ही कठोर और मजबूत लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, क्या आप दुनिया की सबसे कठोर लकड़ी के बारे में जानते हैं। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
धरती पर मौजूद सबसे कठोर लकड़ी कौन-सी है
अब हम धरती पर मौजूद सबसे कठोर लकड़ी के बारे में जान लेते हैं। आपको बता दें कि धरती पर मौजूद सबसे कठोर लकड़ी ऑस्ट्रेलियाई बॉक्सवुड को माना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम लॉफोपेटालम जारदानियानम है।
कहां पाई जाती है यह लकड़ी
दुनिया की सबसे कठोर लकड़ी मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में पाई जाती है। यह इतनी कठोर और मजूबत होती है कि इसे काटना या एक कील भी ठोकना बहुत ही मुश्किल होता है।
जंका कठोरता में अव्वल
ऑस्ट्रेलियाई बॉक्सवुड अपने सख्तपन की वजह से जंका कठोरता मामले में अव्वल है। जंक कठोरता परीक्षण एक प्रकार का लकड़ियों की कठोरता चेक करने का टेस्ट होता है। ऐसे में यह लकड़ी अधिक जंका रेटिंग रखती है। जंका टेस्टिंग में देखा जाता है कि लकड़ी के नमूने में एक विशेष प्रकार की स्टील की गेंद को आधा धंसाने के लिए कितनी शक्ति की आवश्यकता होती है।
कहां होता है इस लकड़ी का उपयोग
ऑस्ट्रेलियाई बॉक्सवुड लकड़ी का उपयोग अक्सर भारी-भरकम कामों में किया जाता है। यह मुख्य रूप से पुल निर्माण, फ्लोरिंग, रेलवे स्लीपर्स और टूल हैंडल्स में इस्तेमाल होती है। यह लकड़ी एक बार में उपयोग में लाने पर कई वर्षों तक अपने कठोरपन की वजह से उपयोग में रहती है। यही वजह है कि इस लकड़ी का दाम भी अन्य लकड़ियों की तुलना में अधिक होता है।
भारत में सबसे कठोर लकड़ी कौन-सी है
भारत में सबसे कठोर लकड़ी की बात करें, तो यह आबनूस और साल की लकड़ी है। इन लकड़ियों का उपयोग संगीत वाद्ययंत्रों से लेकर रेलवे स्लीपर, खंभे, इमारत और पुल निर्माण में किया जाता है।
इन लकड़ियों को लोहे की लकड़ियों के रूप में भी जाना जाता है, जो कि अपने सख्तपन और मजबूती की वजह से जानी जाती हैं। इसके अतिरिक्त, भारत में सागौन की लकड़ी की भी विशेष पहचान है, जिसे सबसे टिकाऊ लकड़ी के रूप में जाना जाता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से फर्नीचर के लिए होता है।
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