भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशों में किया जाने वाला निवेश जून 2011 में एक वर्ष पहले की तुलना में घटकर आधे से भी कम यानी 5.47 अरब डॉलर रह गया. वर्ष 2010 के जून माह में भारतीय कंपनियों ने विदेशों में 12.27 अरब डॉलर का निवेश किया था. जून 2011 में मुंद्रा पोर्ट और भारती एयरटेल विदेशों में सबसे ज्यादा निवेश करने वाली कंपनियां रहीं. विदेशों में निवेश करने वाली अन्य भारतीय कंपनियों में आरएचसी होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड, सुजलॉन एनर्जी और अरबिंदो फार्मा प्रमुख हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने यह आंकड़े जून 2011 के दूसरे सप्ताह में जारी किया.
चालू वित्त वर्ष 2011-12 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश से बाहर होने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 10.57 अरब डॉलर रहा. यह राशि एक वर्ष पहले इसी अवधि में हुए 18.26 अरब डॉलर के निवेश से काफी कम है. रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकडों के मुताबिक भारतीय कंपनियों ने इस दौरान 3.9 अरब डॉलर की वित्तीय गारंटियां जारी की और 93.70 करोड़ डॉलर का कर्ज और 64.13 करोड़ डॉलर इक्विटी में योगदान किया.
मई 2011 में देश में आए एफडीआइ में 111 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया और यह 4.66 अरब डॉलर रहा. यह पिछले 11 साल में अब तक का सबसे ज्यादा मासिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है. अप्रैल-मई में एफडीआइ पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 77 प्रतिशत बढ़कर 7.78 अरब डॉलर हो गया. पिछले साल इस अवधि में 4.39 अरब डॉलर का एफडीआइ आया था.
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