भाजपा के सांसद पीपी चौधरी सहित चार लोक सभा सदस्यों (सांसदों) का चयन ‘संसद रत्न पुरस्कार 2015’ हेतु किया गया. चयन समिति ने इनके चयन की घोषणा 27 मई 2015 को की. पीपी चौधरी को संसद रत्न पुरस्कार 2015’ के साथ ही नवोदित संसद रत्न पुरस्कार 2015 के लिए भी चुना गया.
चयनित सांसदों में पीपी चौधरी के अलावा चंदू बार्ने शिरंग (शिव सेना) निशिकांत दूबे (भाजपा) सुप्रिया शूले (एनसीपी) भी शामिल हैं. इनका चयन 16वीं लोकसभा में बजट सत्र के अंत तक उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए किया गया. इनका चयन उच्च स्तरीय चयन समिति द्वारा की गई.
यह पुरस्कार 11 जुलाई 2015 को आईआईटी मद्रास में आयोजित राजनीति, लोकतंत्र और शासन सेमिनार में प्रदान किया जाना है.
संसद रत्न पुरस्कार 2015
संसद रत्न पुरस्कार 2015 निम्नलिखित श्रेणियों में दिया गया. इनके विजेता और उनकी श्रेणी निम्नलिखित है.
• चर्चाओं में अधिक से अधिक हिस्सा लेने (Debates.) : पीपी चौधरी
• नवोदित संसद रत्न पुरस्कार 2015 : पीपी चौधरी
• सबसे ज्यादा प्रश्न पूछने (Questions) : चंदू बार्ने शिरंग
• निजी विधेयक पेश करने (Private Members Bills) : निशिकांत दूबे
• संसद महिला रत्न पुरस्कार 2015: सुप्रिया शूले
पीपी चौधरी: पीपी चौधरी सोलहवीं लोकसभा के लिए राजस्थान के पाली संसदीय क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए. वह पहली बार सासंद बनें. संसद पीपी चौधरी ने 16वीं लोकसभा के चार सत्रों के दौरान सर्वाधिक 176 चर्चाओं में हिस्सा लिया और 202 प्रश्न उठाए हैं. इसके अलावा चौधरी की सदन में उपस्थिति भी शतप्रतिशत रही है. सदन में इस दौरान पीपी चौधरी ने सात निजी विधेयक भी पेश किए गए.
चंदू बार्ने शिरंग: वह महाराष्ट्र के मावल (Maval) संसदीय क्षेत्र से शिव सेना पार्टी से सांसद हैं.
निशिकांत दूबे: वह झारखंड के गोड्डा (Godda) संसदीय क्षेत्र से भाजपा से सांसद हैं.
सुप्रिया शूले: यह महाराष्ट्र के बारामती संसदीय क्षेत्र से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP MP from Maharashtra, Baramati) से सांसद हैं.
संसद रत्न पुरस्कार
संसद रत्न पुरस्कार की स्थापना वर्ष 2009 में गैर सरकारी संगठन प्राईम प्वाइंट फाउण्डेशन द्वारा की गई थी. पहला संसद रत्न पुरस्कार वर्ष 2010 में नाम से दिया गया था. यह पुरस्कार संसद सत्र के दौरान होने वाली चर्चाओं में अधिक से अधिक हिस्सा लेने, सबसे ज्यादा प्रश्न पूछने, निजी विधेयक पेश करने व उपस्थिति के आधार पर दिया जाता है, जिसके आंकड़े लोकसभा सचिवालय व पी.आर.एस. लेजिस्लेटिव रिसर्च द्वारा उपलब्ध करवाए जाते है.
पुरस्कार विजेताओं का चयन प्राईम प्वाइंट फाउण्डेशन द्वारा गठित उच्च स्तरीय चयन समिति द्वारा किया जाता है. इस चयन समिति में गत वर्ष के संसद रत्न पुरस्कार विजेता होते हैं.
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