अमेरिका की ऊर्जा फर्म सन एडीसन ने तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में एक सौर पार्क बनाने की घोषणा 25 फरवरी 2014 को की.
18 मेगावाट (एमडब्ल्यू) क्षमता वाला यह पार्क ऐसे मॉडल पर काम करेगा जिसमें सौर संपत्ति ऐसे ग्राहकों को बेची जाएगी जो या तो खुद सौर संयंत्र के मालिक बनना चाहते हैं या फिर वे त्वरित मूल्यह्रास योजना (Accelerated Depreciation Scheme) का हिस्सा बनना चाहते हैं.
त्वरित मूल्यह्रास योजना मालिक को स्वामित्व के पहले वर्ष में संपत्ति की लागत को खत्म करने, कर को बचाने और अक्षय ऊर्जा क्रेडिटों को बेचने में मदद करता है.
संपत्ति के वे पार्सल जो नहीं बेचे जा सके वह सन एडीसन के होंगे जिन्हें वे दीर्धकालिक बिजली खरीद समझौतों के आधार पर तीसरे पक्ष के उपभोक्ताओं को बेच सकेगें. यह सोलर पार्क 25 वर्षों के लिए बिजली के मूल्यों का निर्धारण करेगा और जीवाश्म ईंधन से बिजली बनाने वालों की लागत को कम करेगा.
18 एमडब्ल्यू में से 9 एमडब्ल्यू का सोलर मॉड्यूल फिक्स्ड होगा जबकि बाकी का 9 एमडब्ल्यू ट्रैकर मॉड्यूल्स वाला होगा. ट्रैकर मॉड्यूल्स एक ऐसी धुरी पर बनाया जाता है जिसमें सोलर प्लांट सूर्य की गति के हिसाब से पूर्व से पश्चिम की तरफ गतिमान होता रहता है ताकि वह अधिकतम सूर्यकिरण का इस्तेमाल कर सके. फिक्स्ड मॉड्यूल्स जहां एक वर्ष में प्रति मेगावाट करीब 1.6 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करता है वहीं ट्रैकर मॉड्यूल्स करीब 1.86 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन कर सकते हैं. एक मेगावाट क्षमता वाले एक ट्रैकर मॉडल को लगाने की लागत करीब 8.7 से 8.8 करोड़ रुपये आती है जबकि फिक्स्ड मॉडल में यही लागत प्रति मेगावाट 7.8 करोड़ रुपयों की होती है.
सन एडीसन ने 18 मेगावाट में से पहले ही 1.5 मेगावाट का निर्माण कर उसे बेच भी दिया है और बाकी का प्रोजेक्ट सितंबर 2014 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है.
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