26 अगस्त 2015 को कोसोवो और सर्बिया ने दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने के लिए 2013 ब्रुसेल्स समझौता लागू करने पर राजी हो गए.
संबंधों को सामान्य बनाने के लिए दोनों देशों के बीच पहला एग्रीमेंट ऑफ प्रिंसिपल्स या ब्रुसेल्स समझौता यूरोपीय संघ की मध्यस्थता की वजह से 19 अप्रैल 2013 को बेल्जियम के ब्रुसेल्स में हुआ था.
ब्रुसेल्स समझौते की मुख्य विशेषताएं
उत्तरी इलाकों की स्वायत्तता के जरिये उत्तरी कोसोवो में रहने वाले सर्बियाई नागरिकों को और अधिक अधिकार दिए जाएंगे. कोसोवो में अल्बेनियाई आबादी की बहुलता है लेकिन समझौते के तहत बड़े सर्बियाई आबादी वाले दस इलाके स्थानीय अर्थव्यवस्था और शिक्षा जैसे मुद्दों का प्रबंध करने में सक्षम होंगे. इसके अलावा सर्बियाई नगरपालिकाओं की विधानसभा होगी, अध्यक्ष और झंडा भी होगा.
कोसोवो का अलग अंतरराष्ट्रीय डायलिंग कोड होगा. इसे मोनैको या स्लोवानिया के अंतरराष्ट्रीय कोडों का उपयोग करने वाले कोसोवो के मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं की असुविधा को देखते हुए खत्म कर दिया जाएगा.हालांकि, उत्तर के सर्बियाई– बहुल इलाकों में सर्बियाई कॉलिंग कोडों का इस्तेमाल जारी रहेगा.
दोनों ही पक्ष उत्तर में अल्बानिया और सर्ब समुदायों को अलग करने वाले प्रतीकात्मक मित्रोविका ब्रिज (अल्बर नदी पर बना) को साझा करने पर भी सहमत हो गए.
पृष्ठभूमि
साल 2008 में स्वतंत्र देश बनने से पहले कोसोवो सर्बिया के दक्षिणी हिस्से का एक प्रांत था.
हालांकि कोसोवो में अल्बानियाई मुस्लिम आबादी रहती है फिर भी इसके उत्तरी इलाकों में सर्बियाई आबादी की बहुलता है. कोसोवो के भीतर अलग–अलग जनसांख्यिकीय प्रोफाइल दोनों देशों के बीच अक्सर तनाव की वजह बनता है खासकर सीमावर्ती इलाकों में.
ब्रुसेल्स समझौते को लागू करने का फैसला दोनों देशों के बीच के तनावपूर्ण संबंधों जो कि कोसोवो के गठन के बाद से चला आ रहा है, को खत्म करने का मार्ग प्रशस्त करेगा.

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