सर्वोच्च न्यायालय ने कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र चालू करने के विरुद्ध याचिका को 6 मई 2013 को खारिज कर दिया. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ ने यह निर्णय दिया. पीठ के अनुसार कुडनकुलम संयंत्र पूरी तरह से सुरक्षित है और यह देश के आर्थिक विकास तथा लोगों के हितों हेतु बहुत जरूरी है. देश की मौजूदा और भावी पीढ़ियों के लिए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की जरूरत है.
सर्वोच्च न्यायालय ने अधिकारियों से इस संयंत्र को चालू करने का विरोध करने वालों के विरुद्ध आपराधिक मामले हटाने का निर्देश दिया और इस परमाणु संयंत्र को शुरू करने, इसकी सुरक्षा और पर्यावरण संबंधी मुद्दों के बारे में दिशा-निर्देश भी दिए.
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में स्थित कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र का कार्य प्रारंभ...
कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना (केएनपीपी) संबंधित याचिकाएं मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा खारिज...
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