अयोध्या में एक तरफ जहां श्रीराम मंदिर तैयार हो गया है, वहीं दूसरी तरफ मस्जिद को लेकर भी प्रक्रिया चल रही है। इस कड़ी में बाबरी मस्जिद नाम से मशहूर मस्जिद का नाम बदल दिया गया है और अब यह एक नए नाम से जानी जाएगी। इसके साथ ही मस्जिद परिसर में अन्य तरह की सुविधाओं पर जोर दिया गया है, जिससे यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक स्थल पर सुविधाओं का लाभ भी मिल सके।
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किसे मिली है मस्जिद निर्माण की जिम्मेदारी
मस्जिद निर्माण की जिम्मेदारी इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को मिली है।
कहां बनेगी मस्जिद
मस्जिद का निर्माण अपनी पुरानी जगह से 25 किलोमीटर दूर होगा, जो कि धन्नीपुर गांव है। यह एक बहुआयामी सांस्कृतिक स्थल है।
कितनी भूमि पर होगा मस्जिद का निर्माण
मस्जिद के निर्माण की बात करें, तो यह कुल 11 एकड़ जमीन पर किया जाएगा, जिसमें से पांच एकड़ भूमि को कोर्ट की ओर से दिया गया है। वहीं, इसमें छह एकड़ भूमि को सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा जोड़ा गया है, जिसके बाद कुल 11 एकड़ भूमि पर मस्जिद का निर्माण होगा।
मस्जिद में मिलेंगी ये सुविधाएं
मस्जिद को दवा और दुआ की तर्ज पर बनाया जाएगा। इसके लिए मस्जिद के साथ-साथ एक 500 बिस्तर वाले कैंसर अस्पताल को भी बनाने की योजना है। साथ ही यहां दो कॉलेज, एक वृद्धाश्रम और एक शाकाहारी रसोई घर बनाने की भी योजना है, जिससे यहां आने वाले लोगों को मुफ्त खाने की भी सुविधा मिल सके।
मस्जिद में होंगी पांच मीनार
मस्जिद में पांच मीनारों का भी निर्माण किया जाएगा, जो कि इस्लाम धर्म के कलमा, नमाज, रोजा, जकात और रोजा को दर्शाएंगी।
हर व्यक्ति दे सकेगा ईंट
मस्जिद निर्माण के लिए हर व्यक्ति ईंट का दान दे सकेगा। इसके लिए प्रत्येक ईंट को एक नंबर भी दिया जाएगा। साथ ही जिस जगह पर ईंट को लगाया जाएगा, उस स्थान के संबंध में भी जानकारी दी जाएगी।
कब शुरू होगा मस्जिद निर्माण कार्य
मस्जिद का निर्माण कार्य मई में शुरू होने की संभावना है। इसके लिए निर्माण स्थल पर फरवरी में ऑफिस स्थापित किया जाएगा और पूरी देखरेख में मस्जिद का निर्माण कार्य शुरू होगा।
कब तक बनेगी मस्जिद
मस्जिद के निर्माण पूरा होने की बात करें, तो यह 2030 तक पूरा होने की संभावना है। क्योंकि, निर्माण कार्य शुरू होने के बाद इसमें पांच से छह वर्ष का समय लगने का अनुमान है।
क्या है मस्जिद का नया नाम
मस्जिद के नए नाम की बात करें, तो यह मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह के नाम से जानी जाएगी।
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