यमुना नदी भारत की प्रमुख नदियों में शामिल है, जो कि गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी भी कही जाती है। यह नदी पीने के पानी से लेकर कृषि के लिए उपयोग में आती है। इसके साथ ही यह करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र भी है।
हाल ही में पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों में हुई भारी बारिश की वजह से यमुना नदी अपने ऊफान पर आ गई है। नतीजन, दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए थे। इसकी वजहों की बात करें, तो यमुना पर बने बैराज से अधिक मात्रा में पानी छोड़ने की वजह से मैदानी इलाकों में पानी भरने को वजह बताया गया।
इस कड़ी में आपने हथिनी कुंड बैराज के बारे में जरूर सुना होगा। हालांकि, क्या आपको पता है कि यमुना नदी पर कुल कितने बैराज बने हैं और कौन-सा बैराज कितना बड़ा है। इस लेख के माध्यम से हम यमुना नदी से जुड़े इन तथ्यों के बारे में जानेंगे।
कहां से निकलती है यमुना नदी
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि यमुना नदी कहां से निकलती है, तो आपको बता दें कि यमुना नदी का उद्गम स्थल उत्तराखंड के यमुनोत्री ग्लेशियर से होता है, जो कि 20955 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
इस जगह को बंदरपूंछ भी कहा जाता है। इस नदी की कुल लंबाई 1396 किलोमीटर है।
गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है यमुना
यमुना नदी गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी भी है। यह नदी उत्तराखंड से निकलकर हरियाणा और दिल्ली के रास्ते होते हुए उत्तरप्रदेश में पहुंचती है और यहां प्रयागराज में जाकर गंगा नदी में मिल जाती है।
यमुना नदी पर कितने हैं बैराज
यमुना नदी कुल 6 बैराज बने हैं।
-डाकपत्थर बैराज
-हथिनी कुंड बैराज
-वजीराबाद
-आईटीओ
-ओखला
-गोकुल बैराज
डाकपत्थर बैराज
डाकपत्थर बैराज की आधारशिला 23 मई, 1949 को पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा रखी गई थी। यह बैराज 516.5 मीटर लंबा है और इसमें कुल 25 गेट बने हुए हैं, जो कि यमुना के पानी को नियंत्रित करने का काम करते हैं।
हथिनी कुंड बैराज
यह बैराज हरियाणा के यमुना नगर जिले में है, जो कि 1996 में बनकर तैयार हुआ था। इस बैराज की लंबाई 360 मीटर है, जिसमें कुल गेटों की संख्या 18 है। इस बैराज के माध्यम से यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, दिल्ली, शामली, सहारनपुर और बागपत तक पानी की आपूर्ति होती है।
वजीराबाद बांध
वजीराबाद बांध का निर्माण साल 1959 में किया गया था। इस बांध के ऊपर एक पुल भी बना हुआ है, जो कि उत्तरी दिल्ली को उत्तर-पूर्वी दिल्ली से जोड़ने का काम करता है। हालांकि, अब इसकी जगह सिग्नेचर ब्रिज ने ले ली है। वहीं, इस बांध की लंबाई 454 मीटर है।
आईटीओ बैराज
दिल्ली में यमुना नदी पर आईटीओ बैराज 552 मीटर लंबा बैराज है, जो कि यमुना के पानी को नियंत्रित करने का काम करता है। इस बैराज के पास बना पुल नई दिल्ली इलाके को पूर्वी दिल्ली से जोड़ने का काम करता है। ऐसे में यह पुल यमुनापार के लोगों के लिए महत्वपूर्ण पुल माना जाता है।
ओखला बैराज
ओखला बैराज की लंबाई 791 मीटर है। यह बैराज सबसे पुराने बैराजों में से एक है, जिसे 1894 में खोला गया था। यहां से सबसे नजदीक न्यू ओखला बैराज 554 मीटर लंबा है।
गोकुल बैराज
गोकुल बैराज यमुना पर अंतिम बैराज है, जो कि उत्तरप्रदेश राज्य के मथुरा जिले में स्थित है। इस बैराज का काम साल 2003 में पूरे होने का प्रस्ताव था। हालांकि, यह बाद में पूरा हुआ। इस बैराज को मथुरा बैराज भी कहा जाता है।
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