भारत यानि विविधताओं का देश, जहां पर सभी धर्मों के लोग एक साथ प्रेमभाव के साथ रहते हैं। यहां के गांव-शहर और इनमें रहने वाले लोगों की आस्था बेजोड़ है। भारत की संस्कृति और इसका समृद्ध इतिहास समूचे विश्व में प्रसिद्ध है।
यह लोगों की आस्था ही है कि भारत में बहने वाली नदियों को मां का दर्जा दिया गया है, जिनकी सुबह-शाम घाटों पर आरती भी की जाती है। यहां रहने वाले हिंदू धर्म में देवी-देवताओं को लेकर विशेष आस्था है।
यही वजह है कि आपको भारत के हर शहर और गांव में मंदिर देखने को मिल जाएंगे। हालांकि, क्या आपको पता है कि भारत का एक शहर ऐसा भी है, जिसे मंदिरों का शहर कहा जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम भारत के इस शहर के बारे में जानेंगे।
भारत के किस शहर को कहा जाता है मंदिरों का शहर
भारत के अलग-अलग शहरों की अपनी पहचान है। आपने भी भारत के कई शहरों को मंदिरों का शहर सुना होगा, जिसमें जम्मू व बनारस भी शामिल है।
हालांकि, मुख्य रूप से भारत के ओडिसा राज्य की राजधानी भुवनेश्वर शहर को मंदिरों का शहर कहा जाता है।
क्यों कहा जाता है मंदिरों का शहर
अब आपके मन में यह सवाल होगा कि आखिर भुवनेश्वर को ही मंदिरों का शहर क्यों कहा जाता है। आपको बता दें कि भुवनेश्वर शहर में 500 से अधिक मंदिर हैं।
यहां हर साल लाखों श्रद्धालु मन में आस्था भाव के साथ पहुंचते हैं। यहां के मंदिरों का वास्तुकला एकाएक श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी ओर खींचने का काम करती है।
पत्थरों को तराशकर बनाई कलाकृतियां श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र हैं।
इस स्थान पर हैं सबसे अधिक मंदिर
भुवनेश्वर शहर में एकाम्र क्षेत्र प्रसिद्ध है। यह विशेष रूप से मंदिरों के लिए जाना जाता है, जो कि 10.73 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
यह क्षेत्र भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक भगवान शिव के मंदिर लिंगराज मंदिर का भी घर है। यह मंदिर कलिंग वास्तुकला का दर्शाता है।
ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सोमवंशी राजवंश के राजाओं द्वारा किया गया था। यहां पहुंचने पर आपको मुक्तेश्वर मंदिर, राजा-रानी मंदिर व अनंत देव मंदिर समेत अन्य प्रमुख मंदिरों में देवी-देवताओं के दर्शन करने को मिलेंगे।
ओडिसा राज्य से जुड़े कुछ तथ्य
ओडिसा की बात करें, तो यह भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है। यह प्राचीन राष्ट्र कलिंग हुआ करता था, जहां पर 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक ने आक्रमण किया था।
इतिहास उठाकर देखें, तो कलिंग के युद्ध में अधिक लोगों की जान चले जाने से अशोक सम्राट के जीवन में परिवर्तन हुआ था और उन्होंने अहिंसा को छोड़कर बौद्ध धर्म की तरफ अपना रूख कर लिया था।
ओडिसा राज्य की स्थापना 1 अप्रैल 1936 को कटक के कनिका पैलेस में भारत के राज्य के रूप में हुई थी।
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