चीनी फेंगशुई और भारतीय वास्तुशास्त्र का तुलनात्मक विवरण

Dec 2, 2019, 11:32 IST

यह लेख चीनी फेंगशुई और भारतीय वास्तुशास्त्र से सम्बंधित है, जिसमें दोनों का तुलनात्मक विवरण दिया गया है और साथ ही बताया गया है कि कैसे यह हमारे जीवन में बदलाव लाता है.

फेंगशुई एक प्राचीन कला और विज्ञान है, जो शुभ सकारात्मक ऊर्जा को गति देने और नकारात्मक उर्जा को कम करने के लिए इमारतों या अन्य वस्तुओं के निर्माण से संबंधित है.

इस ज्ञान को कई शताब्दियों से एकत्रित किया गया है, लेकिन इसके सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं, जबकि वास्तु एक प्राचीन भारतीय भवन निर्माणकला है, जो मानव और प्रकृति के बीच, घर की संरचना और निर्माण प्रक्रिया को नियंत्रित करता है और सकारात्मक उर्जा के प्रवाह हेतु उचित दिशानिर्देश देता है ताकि लोगों के घरों में सेहतमंद, धन-धान्य से परिपूर्ण एवं शांति का वातावरण बना रहे.

What is Feng Shui and Vastu Shastra
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यह भी कहा जाता है कि 'वास्तु' शब्द 'वस्तु' से आता है, जिसका अर्थ है किसी भी चीज़ का मौजूद होना, जबकि 'शास्त्र' शब्द संस्कृत से निकला है जिसका अर्थ है ' व्यवस्था या ज्ञान' और चीनी भाषा में, 'फेंगशुई' शब्द का अर्थ 'हवा और पानी' होता है और उन सभी तकनीकों के बारे में हैं जो वैश्विक ब्रह्मांड के साथ पर्यावरण को संतुलित करती है. आइए अब चीनी फेंगशुई और भारतीय वास्तुशास्त्र के तुलनात्मक विवरण पर एक नजर डालते हैं.
चीनी फेंगशुई और भारतीय वास्तुशास्त्र का तुलनात्मक विवरण
1. चीनी फेंगशुई की अवधारणा भारत के वस्तु शास्त्र से बहुत भिन्न नहीं है. दोनों के पीछे सिद्धांत समान ही हैं, चीनी ची (Chi) को कॉस्मिक ब्रेथ  (cosmic breath) के रूप में देखते हैं और यह मानते हैं कि एक नर का  (सकारात्मक) बल और एक मादा (नकारात्मक) शक्ति है, जिसे वे 'यिन' और 'यंग' कहते हैं. जैसे वास्तु यह स्वीकार करता है कि पूरा ब्रह्मांड पांच बुनियादी तत्वों से बना है, चीनी भी पांच तत्वों को पहचानते हैं.

What is Feng Shui
वास्तु में, पांच तत्व पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और अंतरिक्ष (आकाश) हैं. फेंगशुई में पांच तत्वों को पृथ्वी, जल, अग्नि, लकड़ी और धातु के रूप में नामित किया गया है. इन दोनों विज्ञानों का मानना है कि भवन का निर्माण उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर उन्मुख होना चाहिए.

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2. दोनों के बीच का अंतर उनके विश्वास प्रणाली पर आधारित है, जिसमें 'वास्तुशास्त्र' ने ज्योतिष और खगोल शास्त्र के साथ आधुनिक विज्ञान को एकजुट किया है, जबकि 'फेंगशुई' ऊर्जा संतुलन और उनके सिंक्रोनाइजेशन के बारे में है.

What is Vastu Shastra
3. फेंगशुई भौगोलिक और पारंपरिक विचारों पर आधारित है और वास्तुशास्त्र विज्ञान और स्थलाकृतिक परिस्थितियों पर आधारित है.
4. फेंगशुई ग्रहों की शक्तियों को ऊर्जा के वितरण में निर्धारित कारक के रूप में देखता है और वास्तुशास्त्र नौ ग्रहों के बीच ऊर्जा प्रवाह पर आधारित है.
5. फेंगशुई और वास्तु के नियमों में अंतर है. वास्तु विज्ञान के अनुसार पूर्व और उत्तर दिशा सबसे शुभ और लाभदायी मानी जाती है. लेकिन फेंगशुई के अनुसार दक्षिण और पश्चिम दिशा को शुभ माना जाता है.

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6. लाफिंग बुद्धा फेंगशुई का ही एक प्रोड्क्ट है. यह घर में सुख, समृद्धि लाता है. इसी प्रकार से वास्तु गणेश को माना जाता है, उनकी सूंड चारों दिशाओं के दोष को दूर करती है और उभरा हुआ पेट समृद्धि को बढ़ाता है.

Laughing Budha and Ganseha
7. क्या आप जानते है कि जैसे भारत में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश है उसी प्रकार लुक, फुक, साऊ चीन के तीन वास्तु देवता है. ऐसा कहा जाता है कि अगर इन तीनों मूर्तियों या तस्वीरों को एक साथ घर में रखकर पूजा की जाए तो हर प्रकार से उन्नति हो सकती है.

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8. वायु, जो चीनी और भारतीय दोनों का सामान्य वास्तु तत्व है, कमियाबी दिलाता है इसलिए ऐसा माना जाता है कि विंड चाइम्स (Wind Chimes) आंगनों, उद्यानों, या रहने वाले हॉल में टांगी जाती है, ताकि जब हवा उनसे छु कर बहती हो तो एक ध्वनि सुनाई देती है. इससे जो उर्जा का प्रवाह होता है वह खराब और नकारात्मक विचारों को समाप्त करने में मदद करता है, अच्छा भाग्य का उदय और बुराई का अंत होता है.

What are Wind Chimes
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उपरोक्त लेख से यह पता चलता है कि फेंगशुई एकता को बनाए रखने के लिए ऊर्जा को संतुलित करता है और दूसरी तरफ वास्तुशास्त्र न केवल ऊर्जा का उपयोग करता है बल्कि ज्योतिष और खगोलशास्त्र जैसे आधुनिक विज्ञान को भी जोड़ता है.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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