परमवीर चक्र भारत का सर्वोच सैन्य अलंकरण है या वीरता सम्मान है जो सैन्य सेवा तथा उससे जुड़े लोगों को दिया जाता है. 26 जनवरी 1950 में इसको देना शुरू किया था और मरणोपरांत भी यह दिया जाता है.यह पदक शत्रु के सामने अद्वितीय साहस तथा परम शूरता का परिचय देने पर दिया जाता है. इस पुरस्कार को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न के बाद सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार समझा जाता है. भारतीय सेना के किसी भी अंग के अधिकारी या कर्मचारी इस पुरस्कार के पात्र होते हैं. क्या आप जानते हैं जब भारतीय सेना ब्रिटिश सेना के तहत कार्य करती थी तो सेना का सर्वोच्च सम्मान विक्टोरिया क्रास हुआ करता था.
जब किसी लेफ्टीनेंट या उससे कमतर पदों के सैन्य कर्मचारी को यह पुरस्कार मिलता था तो उसे नकद राशि या पेंशन दी जाती थी. आइये इस लेख के माध्यम से विस्तार से परमवीर चक्र और किस आधार पर यह दिया जाता है के बारे में अध्ययन करते हैं.
परमवीर चक्र के बारे में
- परमवीर चक्र का डिज़ाइन विदेशी मूल की एक महिला 'सावित्री खालोनकर उर्फ सावित्री बाई' ने किया था और 1950 से अब तक इसके आरंभिक स्वरूप में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया गया है.
- शाब्दिक तौर पर परम वीर चक्र का अर्थ है "वीरता का चक्र". संस्कृति के शब्द "परम", "वीर" एवं "चक्र" से मिलकर यह शब्द बना है.
- यदि कोई परमवीर चक्र विजेता दोबारा शौर्यता का परिचय देता है और उसे परम वीर चक्र के लिए चुना जाता है तो इस स्थिति में उसका पहला चक्र निरस्त करके उसे रिबैंड दिया जाता है. इसके बाद हर बहादुरी पर उसके रिबैंड बार की संख्या बढ़ाई जाती है. इस प्रक्रिया को मरणोपरांत भी किया जाता है. प्रत्येक रिबैंड बार पर इंद्र के वज्र की प्रतिकृति बनी होती है, तथा इसे रिबैंड के साथ ही लगाया जाता है.
- परमवीर चक्र को अमेरिका के सम्मान पदक तथा यूनाइटेड किंगडम के विक्टोरिया क्रॉस के बराबर का दर्जा हासिल है.
- 1971 में मरणोपरांत फ्लाईंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखो को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. क्या आप जानते हैं कि वे एकमात्र ऐसे ऑफिसर है वायुसेना के जिन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है.
- सबसे पहला परमवीर चक्र 03 नवम्बर 1947 को मेजर सोमनाथ शर्मा को दिया गया.
- अब तक कुल 21 परमवीर चक्र दिये जा चुके हैं. इसमें से 14 पदक मरणोपरांत दिये गये हैं. अंतिम परमवीर चक्र 6 जुलाई, 1999 को कैप्टन विक्रम बत्रा को दिया गया.
निम्नलिखित श्रेणियों के व्यक्ति परमवीर चक्र के पात्र हैं:
A. नौसेना, सैन्य और वायु सेना के सभी रैंकों के अधिकारियों और पुरुषों और महिलाओं, क्षेत्रीय सेना, Militia और किसी भी अन्य कानूनी रूप से सशस्त्र बलों का गठन किया गया हो.
B. मैट्रन, सिस्टर्स, नर्सों और नर्सिंग सेवाओं के कर्मचारी और अस्पतालों और नर्सिंग से संबंधित अन्य सेवाएं और उपरोक्त उल्लिखित बलों के आदेश, दिशानिर्देश या पर्यवेक्षण के तहत नियमित रूप से या अस्थायी रूप से सेवा करने वाले नागरिकों के नागरिक.
किस आधार पर परमवीर चक्र दिया जाता है?
परमवीर चक्र को सबसे विशिष्ट बहादुरी या दुश्मन की उपस्थिति में, चाहे समुद्र पर, समुद्र में या हवा में, कुछ साहसी या बहादुर या आत्म-त्याग के पूर्व-प्रतिष्ठित कार्य के लिए सम्मानित किया जाता है. यानी यह देश का सर्वोच्च शौर्य पुरस्कार है और उस बहादुर सैनिक को प्रदान किया जाता है जिसने शत्रु का सामना तथा अपने प्राणों को न्यौछावर करते हुए साहस और वीरता का परिचय दिया हो. देश के तत्कालीन राष्ट्रपति इस पुरस्कार को विशिष्ट समारोह में अपने हाथों से प्रदान करते हैं. तीनों सेना के वीरों को यह पुरस्कार समान रूप से दिया जाता है. इस पुरस्कार में स्त्री या पुरुष का भेदभाव भी मानी नहीं है. अभी तक 21 सैनिकों को यह पुरस्कार दिया गया है जिनमें से 14 को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया है.
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