जानें भारतीय जनता के पास कितनी नकदी मौजूद है और लॉकडाउन में कितनी तेज़ी से बढ़ा नकदी का लेनदेन ?

Sep 29, 2020, 13:44 IST

कोविड-19 महामारी की वजह से हुए सम्पूर्ण लॉकडाउन के बाद लोगों ने अपने पास भारी मात्रा में नकदी रखनी शुरू कर दी थी। आरबीआई की ताज़ा रिपोर्ट के मताबिक मौजूदा समय में करेंसी विद पब्लिक 26 लाख करोड़ हो गई है। हालांंकि, अनलॉक 1 के बाद से कैश रखने की गति में गिरावट दर्ज हुई है। 

भारतीय मुद्रा
भारतीय मुद्रा

कोविड-19 महामारी की वजह से हुए सम्पूर्ण लॉकडाउन के बाद लोगों ने अपने पास भारी मात्रा में नकदी रखनी शुरू कर दी थी। आरबीआई की ताज़ा रिपोर्ट के मताबिक मौजूदा समय में करेंसी विद पब्लिक 26 लाख करोड़ हो गई है। हालांंकि, पिछले कुछ महीनों में नकदी यानि कैश रखने की गति में गिरावट दर्ज हुई है। ये गिरावट अनलॉक 1 के बाद से देखने को मिली।  

अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, जैसे-जैसे चीजें सामान्य स्थिति की ओर बढ़ने लगीं, वैसे-वैसे नकदी रकने की गति में गिरावट दर्ज हुई है। कोविड-19 के दौरान नकद लेन-देन ज़्यादा हुआ है। लोग अपने पास के किराना स्टोर से ही एक बार में ज़्यादा सामान ले रहे थे, जिससे उन्हें कम से कम बाहर निकलना पड़े और वह वायरस के चपेट में न आएं। 

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तेज़ी से बढ़ा नकदी का लेनदेन

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 11 सितंबर को समाप्त हुए पखवाड़े में जारी आंकड़ों के अनुसार, करेंसी विद पब्लिक 17,891 करोड़ रुपये बढ़कर 26 लाख करोड़ रुपये हो गई है। बता दें कि 28 फरवरी 2020 को 22.55 लाख करोड़ करेंसी सर्कुलेशन थी, जो 11 सितंबर 2020 को 26 लाख करोड़ रुपये हो गई।

28 फरवरी और 19 जून 2020 के बीच करेंसी विद पब्लिक में 3.07 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई, जो 19 जून 2020 से 11 सितंबर 2020 के बीच केवल 37,966 करोड़ रुपये बढ़ी।

डिजिटल ट्रांजेक्शन

डिजिटल भुगतान प्रणाली के माध्यम से अप्रैल में करेंसी का सर्कुलेशन 82.46 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 31 जुलाई 2020 तक 111.18 लाख करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, जैसे-जैसे अनलॉक प्रक्रिया शुरू हुई, वैसे-वैसे नकदी यानि कैश रखने की गति में भी गिरावट दर्ज हुई है।

इन सब के बीच चौंकने वाली बात ये है कि नकदी में बढ़ोतरी ऐसे समय में हो रही है जब डिजिटल भुगतान भी हर माह एक नया रिकॉर्ड बना रहा है। आपको बता दें कि पिछले महीने यूपीआई ट्रांजैक्शन की कीम 150 करोड़ पहुंच गई है। 

विमुद्रीकरण के दौरान कितनी नकदी सर्कुलेशन में थी?

2016 में विमुद्रीकरण के दौरान सरकार ने कहा था कि वह भारत को कैशलेस अर्थव्यवस्था बनाना चाहती है। विमुद्रीकरण के बाद, करेंसी इन सर्कुलेशन लगभग 45 प्रतिशत बढ़ी है। 4 नवंबर 2016 को करेंसी विद पब्लिक 17.97 लाख करोड़ रुपये थी जो विमुद्रीकरण के तुरंत बाद, जनवरी 2017 में यह घटकर 7.8 लाख करोड़ रुपये रह गई।

अन्य मुख्य बिन्दु

आरबीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, एटीएम से नकदी निकासी अप्रैल में घटकर 1,27,660 करोड़ रुपये हो गई थी जो जुलाई में बढ़कर 2,34,119 करोड़ रुपये हो गई।

इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले दो सालों में 2000 रुपये के नोटों की डिमांड कम हुई है। इसके चलते आरबीआई ने साल 2019-20 में 2000 रुपये के नए नेट नहीं छापे हैं। रिपोर्ट के अनुसार मार्च, 2018 के अंत तक चलन में मौजूद 2,000 के नोटों की संख्या 33,632 लाख थी, जो मार्च, 2019 के अंत तक घटकर 32,910 लाख पर आ गई। मार्च, 2020 के अंत तक चलन में मौजूद 2,000 के नोटों की संख्या और घटकर 27,398 लाख पर आ गई।

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Arfa Javaid
Arfa Javaid

Content Writer

Arfa Javaid is an academic content writer with 2+ years of experience in in the writing and editing industry. She is a Blogger, Youtuber and a published writer at YourQuote, Nojoto, UC News, NewsDog, and writers on competitive test preparation topics at jagranjosh.com

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