भारत में किसी भी उत्पाद का ट्रेडमार्क रेगुलेट करने के लिए ट्रेडमार्क एक्ट 1999 का इस्तेमाल किया जाता है। इसके माध्यम से ही उत्पादों की ब्रांड वैल्यू को रेगुलेट किया जाता है। यह भी दो प्रकार का होता है, जो कि रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क(R) और अन रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क(TM) होता है। लोग अक्सर किसी भी उत्पाद पर इन चिन्हों को देखकर उत्पाद की ब्रांड वैल्यू को लेकर दुविधा में पड़ जाते हैं। इन दोनों में ही अंतर मौजूद होता है, जिससे उत्पाद की ब्रांड वैल्यू बनती है। वहीं, भारत में यह जरूरी नहीं है कि किसी भी उत्पाद को रजिस्टर्ड कराकर ही बेचना है। बल्कि, उत्पाद का ट्रेडमार्क हासिल करने के बाद भी उसे बेचा जा सकता है। इस लेख के माध्यम से हम ट्रेडमार्क और रजिस्टर्ड में अंतर को समझेंगे।
क्या होता है रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क
रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क को ट्रेडमार्क एक्ट 1999 के तहत पंजीकृत किया जाता है। इसमें उत्पाद के मालिक के ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने के लिए कानूनन अधिकार होता है, जिससे वह ट्रेडमार्क का इस्तेमाल कर सकता है। इसके तहत किसी भी उत्पाद का ब्रांड हो सकता है, जिसका अपना लोगो, डिजान और नाम होता है।
कितने साल तक होता है वैध
रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क मिलने पर वह हमेशा के लिए वैध नहीं होता है, बल्कि इसकी वैधता 10 साल के लिए होती है। ऐसे में 10 साल बाद फिर से ट्रेडमार्क का नवीनीकरण कराना होता है।
क्या होता है गैर रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क
गैर रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क वह होता है, जिसे एक्ट के तहत रजिस्टर नहीं किया होता है। ऐसे में इस ट्रेडमार्क को कानून के तहत मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिलती हैं। हालांकि, यह कॉमन लॉ के तहत आ जाता है। ट्रेडमार्क वाले उत्पादों की गुणवत्ता कंपनी के मालिक पर निर्भर होती है कि वह अपने उत्पाद की लोगों में अच्छी पकड़ और गुडविल बनाने के लिए इसकी गुणवत्ता से समझौता न करे।
ट्रेडमार्क और रजिस्टर्ड में प्रमुख अंतर
-ट्रेडमार्क कॉमन लॉ के तहत आता है, जबकि रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क को ट्रेडमार्क एक्ट 1999 के तहत पंजीकृत किया जाता है।
-रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क की वैधता 10 साल के लिए रहती है, जबकि गैर रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क के मामले में यह मालिक पर निर्भर करता है कि वह उत्पाद की गुणवत्ता और गुडविल को बनाए रखे।
-रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क ‘R’ का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन गैर रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क सिर्फ TM का इस्तेमाल कर सकते हैं।
-रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क की पूरे देश में पहचान होती है व इनकी पहचान सुरक्षित होती है, जबकि गैर रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क की केवल एक क्षेत्र में ही पहचान होती है। ऐसे में इनके ट्रेडमार्क की सुरक्षा कम होती है।
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