गर्मी का मौसम चल रहा है और सूरज के कड़े तेवर की वजह से प्रचंड गर्मी पड़ रही है। यही वजह है कि मौसम विभाग ने कुछ राज्यों में हीट वेव की घोषणा कर दी है। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली में भी गर्मी का प्रकोप जारी है। मौसम में हुए इस बदलाव की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। जब भी मौसम में इस तरह के बदलाव होते हैं, तो हमारा सामना Heat wave और Heat stroke से होता है। कई बार लोग इन दोनों शब्दों को लेकर दुविधा में पड़ जाते हैं। हालांकि, इन दोनों शब्दों में ही अंतर मौजूद है। इस लेख के माध्यम से हम इन दोनों शब्दों की परिभाषाएं जानने के साथ, इनके बीच अंतर को समझेंगे।
क्या होती है Heat wave
मौसम विभाग द्वारा तापमान को मापने के लिए किसी भी शहर में विभिन्न जगहों पर मानक केंद्र बनाए जाते हैं, जहां से तापमान को रिकॉर्ड किया जाता है। वहीं, किसी भी स्टेशन पर मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री सेल्सियस और तटीय इलाकों में 37 डिग्री सेल्सियस होने के साथ सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस अधिक होता है, इस स्थिति में हीट वेव की घोषणा की जाती है, जिसे लोग लू के नाम से भी जानते हैं। ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से हर मौसम में चरम परिस्थितियां देखने को मिल रही हैं, जिसकी वजह से सर्दी, बारिश और गर्मी के मौसम में हमें रिकॉर्ड देखने को मिलते हैं।
क्या होता है Heat Stroke
Heat Stroke गर्मी से होने वाली स्थिति है। इसमें अधिक समय तक गर्मी के संपर्क में रहने या फिर अधिक शारीरिक कार्य की वजह से शरीर अधिक गर्म हो जाता है। इस अवस्था में शरीर का तापमान यदि 104 फारेनहाइट यानि 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच जाता है, तो हीटस्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। हीटस्ट्रोक में तुरंत इलाज की जरूरत होती है। इसके लक्षणों की बात करें, तो मतली, उल्टी, चक्कर आना, असहज महसूस होना, थकान, कमजोरी, सिरदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, सांस लेने में कठिनाई, तेज पल्स व त्वचा का लाल पड़ना जैसे इसके लक्षण हैं।
Heat wave और Heat Stroke में प्रमुख अंतर
-Heat wave मौसम में हुए बदलाव की वजह से चलती है और Heat Stroke शरीर के बढ़े हुए तापमान की वजह से होता है।
-Heat wave की घोषणा एक निश्चित मात्रा में तापमान बढ़ने पर की जाती है, जबकि Heat Stroke के मामले में अधिक समय तक गर्मी के संपर्क में रहने से शरीर में इसके लक्षण देखने को मिल जाते हैं।
-Heat wave की घोषणा मौसम विभाग द्वारा की जाती है, जिसके बाद एहतियात बरतने के लिए कहा जाता है। वहीं, Heat Stroke का मौसम विभाग से लेना देना नहीं है, बल्कि यह मौसम से पड़ने वाला प्रभाव है।
-Heat wave एक Physical factor है, जबकि Heat Stroke शरीर से जुड़ी स्थिति है, जिसमें मेडिकल इमरेजेंसी की जरूरत होती है।
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