आईबी और रॉ में क्या अंतर हैं?

Sep 12, 2018, 12:04 IST

खुफिया ब्यूरो (आईबी) की स्थापना 23 दिसंबर, 1887 को लंदन में भारत के विदेश सचिव द्वारा "केंद्रीय विशेष शाखा" के रूप में की गई थी. वर्ष 1920 में इसका नाम बदलकर “इंटेलिजेंस ब्यूरो” रखा गया था. रॉ की स्थापना 1968 में देश के बाहर ख़ुफ़िया काम करने के लिए की गयी थी. इस प्रकार “इंटेलिजेंस ब्यूरो” का काम देश के भीतर ख़ुफ़िया ऑपरेशनों को अंजाम देना तो “रॉ” का काम देश के बाहर ख़ुफ़िया काम करना है. यह आलेख इन दोनों एजेंसियों के बीच महत्वपूर्ण अंतर बता रहा है.

आपने पढ़ा होगा कि राजाओं के समय में ख़ुफ़िया जासूस हुआ करते थे जो कि एक राज्य की सूचनाएँ दूसरे राज्य के राजाओं को दिया करते थे. इसी तरह के जासूस आज भी विश्व के हर देश में मौजूद हैं,बल्कि अब तो एक देश ने अपनी कई ख़ुफ़िया एजेंसियां भी बना ली है. अमेरिका की ख़ुफ़िया एजेंसियों में FBI (देश के अंदर ऑपरेशन) और CIA (देश के बाहर ऑपरेशन), रूस में केजीबी, पाकिस्तान में आईएसआई और इजरायल में मोसाद है.

भारत में आईबी, रॉ, एनआईए और सीबीआई प्रमुख खुफिया एजेंसियां हैं. इस लेख में हम आईबी और रॉ के बीच प्रमुख अंतरों को समझा रहे हैं.

इंटेलिजेंस ब्यूरो के बारे में

इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की स्थापना ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान की गई थी. सन 1857 के असफल सिपाही विद्रोह ने अंग्रेजी सरकार को एक खुफिया संगठन बनाने के लिए मजबूर कर दिया था ताकि अंग्रेज, भारत के विभिन्न हिस्सों में भारतीय विद्रोहियों और राजाओं की गतिविधियों पर नजर रख सकें.

इंटेलिजेंस ब्यूरो की स्थापना 23 दिसंबर, 1887 को लंदन में भारत के विदेश सचिव द्वारा "केंद्रीय विशेष शाखा" के रूप में की गई थी. वर्ष 1920 में इसका नाम बदलकर ‘इंटेलिजेंस ब्यूरो’ रखा गया था.

इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), दुनिया में सबसे पुराना खुफिया संगठन माना जाता है. इंटेलिजेंस ब्यूरो का मुख्य काम भारत की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है. यह एजेंसी उन तत्वों पर कड़ी नजर रखती है जो कि देश को तोड़ने के काम के लगे हुए हैं.

साधारण शब्दों में कहें तो इंटेलिजेंस ब्यूरो के कार्यों का कोई निर्धारित खाका नहीं है. लेकिन यह मुख्य रूप से काउंटर इंटेलिजेंस,  काउंटर आतंकवाद, वीआईपी सुरक्षा, देश विरोधी गतिविधियों पर नियंत्रण, सीमावर्ती क्षेत्रों में खुफिया जानकारी जुटाने और आधारभूत संरचना के रखरखाव के काम करती है.

इंटेलिजेंस ब्यूरो, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और इज़राइल की सुरक्षा एजेंसियों के साथ जानकारी साझा भी करता है. इंटेलिजेंस ब्यूरो, तकनीकी रूप से गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करता है.

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के बारे में
वर्ष 1968 तक, खुफिया ब्यूरो (आईबी) भारत के आंतरिक और बाहरी खुफिया ऑपरेशनों के लिए जिम्मेदार था लेकिन जब 1962 और 1965 के युद्ध में भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी नाकाम हो गयी तो सरकार ने बाहरी खुफिया ऑपरेशनों के लिए 1968 में अलग से ‘रॉ’ नाम की ख़ुफ़िया एजेंसी बनायी थी. रॉ, भारत के पडोसी देशों की गतिविधियों पर नजर रखती है लेकिन इसका मुख्य फोकस पाकिस्तान और चीन की गतिविधियों पर रहता है. रॉ, भारत के नीति निर्माताओं और सेना को खुफिया जानकारी प्रदान करता है.

रॉ ने बांग्लादेश के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. सूत्रों के मुताबिक रॉ ने पाकिस्तानी से आजादी के लिए लड़ रही बांग्लादेश की मुक्ति बाहिनी सेना को प्रशिक्षित किया था.

इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ के बीच मुख्य इस प्रकार हैं;

1. इंटेलिजेंस ब्यूरो, भारत की आंतरिक खुफिया एजेंसी है.यह अपने ऑपरेशन देश के भीतर संचालित करती है जबकि रॉ; भारत का अनुसंधान और विश्लेषण विंग है और भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी है.

2. इंटेलिजेंस ब्यूरो, मुख्य रूप से काउंटर इंटेलिजेंस, काउंटर आतंकवाद, वीआईपी सुरक्षा, देश विरोधी गतिविधियों पर नियंत्रण, सीमावर्ती क्षेत्रों में खुफिया जानकारी जुटाने और आधारभूत संरचना के रखरखाव के काम करती है. जबकि रॉ का मुख्य काम भारत के पडोसी देशों की गतिविधियों (कौन सा देश किस देश के साथ क्या समझौता कर रहा है इत्यादि) पर नजर रखना है. रॉ इन देशों में अपने गुप्त एजेंटों के माध्यम से गुप्त ऑपरेशन आयोजित करता है.

3. इंटेलिजेंस ब्यूरो; अन्य भारतीय खुफिया एजेंसियों और पुलिस के साथ खुफिया जानकारी शेयर करता है. इंटेलिजेंस ब्यूरो के पास यह शक्ति है कि वह ख़ुफ़िया जानकारी जुटाने के लिए बिना किसी की अनुमति के किसी का भी फ़ोन टेप कर सकता है. जबकि रॉ ख़ुफ़िया जानकारी जुटाने के लिए रिश्वत, पिटाई, जासूसी, मनोवैज्ञानिक टेस्ट, ख़ुफ़िया पक्षियों को सीमा पर उड़ाना, एजेंटों की नियुक्ति इत्यादि का सहारा लेता है.

(पाकिस्तान द्वारा भारत की सीमा में भेजा गया ख़ुफ़िया कबूतर)

spy pigeon pak

4. इंटेलिजेंस ब्यूरो की स्थापना भारत के स्वतंत्रता सेनानियों और राजाओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए की गयी थी जबकि रॉ की स्थापना भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल देशों पर नजर रखने के लिए की गयी थी.

5. इंटेलिजेंस ब्यूरो में भारतीय पुलिस सेवा, कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों और सेना के कर्मचारी काम करते है. शुरुआत में रॉ प्रशिक्षित खुफिया अधिकारियों की सेवाओं पर निर्भर था लेकिन बाद में सेना, पुलिस और अन्य सेवाओं के लोगों को भी इसमें शामिल किया जाने लगा है. अब रॉ के पास अपना  सेवा कैडर है जिसे रिसर्च एंड एनालिसिस सर्विस (RAS) कहा जाता है.

6. इंटेलिजेंस ब्यूरो को 1887 में स्थापित किया था. जिसे दुनिया की सबसे पुरानी खुफिया एजेंसी माना जाता है. यह गृह मंत्रालय के शासन के अधीन है. दूसरी ओर रॉ ने अपना काम 1968 में शुरू किया था और यह  सीधे भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन रखा गया है.

तो उपर्युक्त बिंदुओं से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि खुफिया ब्यूरो और रॉ की स्थापना के पीछे मूल उद्देश्य भारत के आंतरिक और बाहरी दुश्मनों से भारत की रक्षा करना है.

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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