विषाक्त भोजन (Food Poisoning) को खाने-पीने से उत्पन्न हुई बीमारी कहा जाता है जो कि मिलावटी भोजन खाने से होती है. संक्रमित जीव - बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी सहित या भोजन में उनके विषाक्त पदार्थ से फूड पोइज़िनिंग का होना सबसे सामान्य कारण हैं. संक्रमित जीव या उनके विषाक्त पदार्थ किसी भी प्रसंस्करण या उत्पादन में भोजन को दूषित कर सकते हैं. यदि भोजन को गलत ढंग से पकाया जाए, तो घर पर भी विषाक्त भोजन से होने वाली बीमारियां हो सकती है. ये जरुरी नहीं है की बहार का खाना खाने से या दूषित पानी पीने से ये बीमारी होती है. फूड पोइज़िनिंग के लक्षण, मिलावटी भोजन खाने के कुछ घंटों के भीतर शुरू हो सकते है, अक्सर इसमें उल्टी या दस्त हो सकते हैं. फूड पोइज़िनिंग घरेलू उपचार से भी सही हो सकती हैं, लेकिन गंभीर स्थिति में अस्पताल भी ले जाना पढ़ सकता है. आइये इस लेख से माध्यम से जानते है विषाक्त भोजन से होने वाली बीमारियों के बारे में.
विषाक्त भोजन (Food Poisoning)से होने वाली बीमारियां
1. फुसेरम टोक्सिन : फुसेरम नामक कवक ज्वार की फसल को प्रदूषित करती है. इसमें टी०-2 नामक विषाक्त पदार्थ पाया जाता है. विषाक्त पदार्थ ‘बावल सिंड्रोम’ उत्पन्न करता है. इससे जानवरों के मस्तिष्क में ट्यूमर एवं हृद्य विकार उत्पन्न हो जाते हैं.
2. एपिडेमिक ड्रॉप्सी: सरसों के तेल में आर्जीमोन (सत्यानाशी) के बीजों के तेल को मिश्रित करने से उत्क बिमारी होती है. आर्जीमोन के बीजों में सान्गुनरीन नामक रसायन होता है, जो कि ड्रॉप्सी का कारक होता है. अचानक दोनों पैर में सूजन आ जाती है. दस्त आरंभ हो जाते हैं. सांस फूलने लगती है. अंतत: हृद्य गति रूक जाने के कारण रोगी की मृत्यु हो जाती है.
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3. न्यूरोलैथिरिज्म: खाद्य दालों में खेसारी दाल या इसका आटा, बेसन आदि में मिलाकर खाने से न्यूरोटोक्सिन बी.ओ.ए.ए नामक विषाक्त पदार्थ जटिलता उत्पन्न करता है. यह विष तंत्रिका तंत्र पर कुप्रभाव डालता है. प्रारंभ में कमजोरी होने से मनुष्य एक लकड़ी के सहारे चलने लगता है, कमजोरी बढ़ने पर दो लकड़ियों का सहारा लेना पड़ता है, अन्तत: घिसट- घिसट के चलने पर बाध्य हो जाता है.
4. एंडेमिक एसाइटिस: चेना नामक खाद्यान में झुनझुनिया के बीज मिलने से ‘पायरोलाइजीडीन’ रसायन से व्याधि उत्पन्न हो जाती है. झुनझुनिया के पौधे चेना (पैनीकम मिलेरी) खाद्यान के साथ उगते हैं. जिससे फसल काटने पर यह मिश्रित हो जाते हैं. विषाक्त पदार्थ यकृत में भारी क्षति पहुँचाते हैं.
5. एफ्लाटोक्सिन: एसपरजिलस नामक फफूंदी इसका कारण है जो कि मूंगफली, मक्का, ज्वार, गेहूँ, चावल आदि के गीले अवस्था में भण्डारण से उत्पन्न हो जाती है. यह विषाक्त पदार्थ यकृत को भारी क्षति पहुँचाता है. इसकी जटिलता यकृत-कैंसर भी उत्पन्न कर देती है.
उपरोक्त लेख से फूड पोइज़िनिंग क्या होती है और इससे होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों के बारे में ज्ञात होता हैं.
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