जानें पानी की कमी से होने वाली बीमारियों के बारे में

Sep 19, 2017, 14:22 IST

पानी के बिना प्रथ्वी पर जीवन संभव नहीं है. हमारे शारीर में सबसे ज्यादा पानी ही होता है. अगर हम कम पानी पीते है या क्रोनिक डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) के शिकार होते है तो हमें इसको गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि पानी की कमी से काफी बीमारियाँ हो सकती है. इस लेख में उन बीमारियों के बारे में जानेंगे जो पानी की कमी से होती है.

Diseases caused due to lack of water
Diseases caused due to lack of water

पानी के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. यह पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों में से एक है. क्या आप जानते है कि अगर प्रथ्वी पर पानी नहीं होगा तो जीवन भी नहीं होगा. पानी सिर्फ पीने के लिए ही नहीं बल्कि इससे कई जरूरतों को पूरा किया जाता है. जब कभी शारीर में पानी की कमी हो जाती है जिसे डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) भी कहते है तो हम इसे गंभीरता से नहीं लेते है. परन्तु क्या आप जानते है कि पानी की कमी से कई रोग होते है जो कि जानलेवा भी हो सकते है. आइये इस लेख के माध्यम से पानी की कमी से होने वाली बीमारियों के बारे में अध्ययन करते है.
पानी की कमी से होने वाली बीमारियां
आजकल क्रोनिक डिहाइड्रेशन बहुत आम बीमारी हो गई है, इसको नज़रअंदाज न करें. इसके दुष्परिणाम भी हो सकते है. ये बीमारी कम पानी पीने वालों को होती है. इसलिए, नियमित अंतराल पर पानी पीने को अपनी आदत में शामिल करें.
1. थकान और उर्जा की कमी का होना: शारीर में पानी की कमी होने के कारण निर्जलीकरण होता है जिसकी वजह से एंजाइमिक गतिविधि की दर कम हो जाता है और थकान बढ़ जाती है. थकावट के कारण आप कोई भी काम सही से नहीं कर पाते है और उर्जा की हर समय कमी लगती रहती है.
2. अधिक वजन या मोटापे का होना: स्वयं पानी वसा को जलाकर वजन कम नहीं कर पाता है परन्तु  सच्चाई यह है कि वजन घटाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. पानी पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थ और अपशिष्ट उत्पाद बहार निकलते है. पेट भी भरा हुआ महसूस होता है और स्वस्थ चयापचय बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं.
3. समय से पूर्व बुढ़ापे का आना: हमारे शरीर में 60% से अधिक पानी होता है और शारीर के अंगों को सही से काम करने के लिए इस कीमती संसाधन पर निर्भर रहना पड़ता है. जब आप दिन में बहुत सारा पानी पीते हैं, तो इससे आपको मुक्त कणों से लड़ने में मदद मिलती है जो कि त्वचा और आंतरिक अंगों को समय से पूर्व बुढ़ा बनाते हैं.

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4. कब्ज का होना: हम सब जानते है कि चबाया हुआ भोजन आंतों में प्रवेश करता है और द्रव होने के कारण मल आसानी से बनता है. इस प्रक्रिया में आंतें पानी सोख लेती हैं. इसलिए आंतों का हाइड्रेट होना अनिवार्य है. यदि आप निर्जलीकरण से ग्रस्त हैं तो मल आसानी से नहीं बन पाएगा, शारीर से कचरा नहीं निकलेगा, जिसकी वजह से आप कब्ज़ से पीड़ित हो सकते हैं.
5. हाई और लो ब्लड प्रेशर: ज्यादा पानी पीने से शरीर में खून से विषाक्त पदार्थों को निकलने में मदद मिलती है और अच्छा संचलन की सुविधा मिलती है. आपके संचार प्रणाली को सही ढंग से काम करने के लिए पानी की जरूरत होती है क्योंकि अकेले आपके शरीर में खून की मात्रा सभी धमनियों, नसों और केशिकाओं को भरने के लिए पर्याप्त नहीं होती है.
6. खराब कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर: निर्जलीकरण आपके कोशिकाओं के इंटीरियर से पानी की मात्रा को कम करता है, जिसका मतलब है कि शरीर अधिक कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन करके पानी की क्षतिपूर्ति करना शुरू कर देता है, जिनमें से कुछ आपके स्वास्थ्य के लिए खराब भी होता है.

How lack of water impact digestion
Source: www.optimalhealthsystems.com
7. पाचन तंत्र के रोगों का होना: निर्जलित शारीर में पाचन के रस का उत्पादन कम हो जाता है, जिससे पेट की समस्याओं और रोगों जैसे गैस्ट्राइटिस (Gastritis) और अल्सर भी हो सकता हैं.
8. यूरिन इन्फेक्शन: गुर्दा और यूरिनरी सिस्टम का सही से कार्य करना पानी पर निर्भर करता है. जब आप निर्जलित होते हैं, तो आप सिस्टिटिस जैसे यूरिन या यूरिन इन्फेक्शन के रिस्क को बढ़ाते है. इस बिमारी का पता लगाना आसान है क्योंकि आपका यूरिन गहरा रंग का हो जाता है और उसमें गंध भी आती है.
9. गठिया और एक्जिमा यानी खुजली का होना: पानी की कमी से खून में विशैले पदार्थ आसानी से जमा हो जाते है, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न प्रकार के रोग और समस्याएं हो सकती हैं. कई अध्ययनों से पता चला है कि पानी की कमी जोड़ों के साथ महत्वपूर्ण समस्याओं को बढ़ा सकती है.
शारीर को 20 से 24 औंस (500 से 700 मिलीलीटर) पसीने को निकालने की आवश्यकता होती है, जिसके लिए पर्याप्त तरल पदार्थ यानी पानी होना चाहिए. पसीने से विषाक्त पदार्थ और अपशिष्ट चीज़े शारीर से निकलती हैं, परन्तु अगर पानी की शारीर में कमी हो तो एक्जिमा जैसे त्वचा के रोग भी हो सकते हैं.
10. श्वसन प्रणाली के साथ समस्याओं का होना: पानी एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण घटक है और श्वसन रोगों की रोकथाम करता है. फेफड़े, नाक, साइनस, आदि की श्लेष्म झिल्ली में प्रदूषण और अन्य कणों के विरुद्ध आपकी रक्षा करने के लिए बहुत अधिक नम रहने की आवश्यकता होती है जिसके लिए पानी की जरुरत होती है.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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