जानें आसमान से मछलियों की बारिश क्यों होती हैं?

Oct 7, 2017, 13:40 IST

दुनिया में ऐसे कई रहस्य हैं जिन पर यकीन करना मुशकिल होता है. ऐसे ही रहस्यों में से एक है मछलियों की बारिश का होना. क्या आप जानते हैं की मछलियों की बारिश कैसे होती है, होती भी है या नहीं. किस प्रक्रिया के तहत मछलियां अचानक से आसमान से गिरने लगती है, वो भी बारिश के साथ. ऐसा कैसे होता है के बारें में इस लेख के माध्यम से अध्ययन करेंगे.

What is the reason behind the fish rain
What is the reason behind the fish rain

क्या आपने कभी सुना है या देखा हैं कि मछलियों की बारिश होती है. दुनिया में ऐसे कई रहस्य हैं जिन पर यकीन करना मुशकिल होता है. ऐसे ही रहस्यों में से एक है मछलियों की बारिश का होना.
इसमें कुछ अलौकिक बात नहीं है. वास्तव में यह मछलियां स्वर्ग से नहीं गिरती  है. ये जो मछलियां आसमान से गिरती है वो समुद्र या झील में रहने वाली ही मछलियां हैं. परन्तु सवाल यह उठता है की आसमान तक यह मछलियां आखिर पहुँच कैसे जाती है. देश में अलग-अलग जगहों पर अचानक से मछलियों के गिरने के पीछे का कारण इस लेख के माध्यम से जानेंगें.
इस पर कई विज्ञानिकों ने काफी सारे शोध किए है जिसके अनुसार यह पता चला है कि इस तरह की घटनाएं जल स्तंभ या बवंडर के कारण होती हैं. जब कोई बवंडर समुद्र के पास या समुद्र तल को पार करता है तो ऐसी स्थिति पानी के भीषण तूफान में बदल जाती हैं. पानी की सतह पर मौजूद या समुद्र के पास मौजूद मछलियां, मेंढक, कछुए, केकड़े जैसे जानवरों को हवाएं अपने साथ खीच ले जाती हैं. जिस प्रकार से बवंडर हलकी चीजों को आकाश में ले जाता है उसी प्रकार से यह बवंडर पानी के सतह पर भी सक्रीय होता है और हलके प्राणियों को ऊपर खींचता है. यह जीव बवंडर के साथ उड़ते रहते हैं और तब तक आसमान में होते हैं, जब तक हवा की गति कम न हो जाए. जब हवा की गति धीमी पड़ती है तब यह बवंडर जहा कही भी आसमान में रहता है वहा पर सारी चीजों को मुसलाधार बारिश के साथ गिरा देता है और इस प्रकार जीव बारिश के पानी के साथ गिरने लगते हैं.

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How fish comes on Earth via rain
Source: www. i2.wp.com
यह दोनों प्रक्रिया एक ही स्थान पर नहीं होती है. बवंडर को उठने और थमने में समय लगता है और तब तक यह कई किलोमीटर की दूरी तय कर चुका होता है. इसे ऐसे भी कह सकते है कि जहां से बवंडर उठता है वहां पर बारिश के होने की संभावना कम होती है लेकिन समुद्र के आस पास होने की ही संभावना अधिक रहती है. वैज्ञानिकों के अनुसार और बिल इवांस की मौसमशास्त्र पुस्तक ‘It's Raining Fish and Spiders’ के अनुसार हर साल लगभग 40 बार विश्व के अनेक जगहों पर ऐसी घटनाएं देखने को मिलती है.
इस प्रक्रिया में जो हलके जीवों को खिंच कर ऊपर ले जाते है, कभी-कभी इन पर बरफ की परद भी चढ़ जाती है, जो कि बारिश बनकर गिरने से बहुत ही आश्चर्यजनक सी लगती है और खतरनाक भी हो सकती है. इस लेख से यह ज्ञात होता है कि किस प्रकार से मछलियां या अन्य जीव बारिश के पानी के साथ कैसे गिरने लगते हैं.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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