मानव पर्यावरण सम्मेलन 1972 (स्टॉकहोम) के समझौते के तहत वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की मदद से 1973 में भारत में प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया गया था। भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत के अनुसार, 1973-74 के दौरान भारत में केवल 9 टाइगर रिजर्व थे, जबकि 2023 तक कुल 54 टाइगर रिजर्व हो गए हैं। हाल ही में राजस्थान के धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व को इस सूची में शामिल किया गया है।
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-पश्चिम बंगाल में सुंदरबन क्षेत्र रॉयल बंगाल टाइगर के लिए प्रसिद्ध है।
-शेर अफ़्रीका के अलावा केवल भारत में ही प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। भारत में इसका एकमात्र प्राकृतिक आवास गुजरात में गिर वन (सौराष्ट्र) है। इसके संरक्षण के लिए 1972 में गिर शेर परियोजना शुरू की गई थी।
-प्रोजेक्ट क्रोकोडाइल 1975 में लांच किया गया था। इसके संरक्षण और सुरक्षित प्रजनन को प्रोत्साहित करने के लिए कई स्थानों पर कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इनमें टिकरापारा (अंगुल, ओडिशा), महानदी (ओडिशा), कुकरैल (लखनऊ) आदि प्रमुख हैं। राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य (मध्य प्रदेश) मगरमच्छों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। घड़ियाल और मगर दोनों ही मगरमच्छ की प्रजाति के हैं। हालांकि, उनके बीच कुछ अंतर हैं।
-एक सींग वाला गैंडा केवल भारत में ही पाया जाता है। इसके संरक्षण के लिए 1987 में प्रोजेक्ट गैंडा लांच किया गया था। काजीरंगा(असम) में एक सींग वाले गैंडे को संरक्षण दिया गया है । इस स्थान के अलावा यह मानस (असम) और जोलदापारा (पश्चिम बंगाल) की दलदली भूमि में पाया जाता है।
-हाथी भूमध्यरेखीय उपोष्णकटिबंधीय वन का एक जानवर है। भारत में यह असम, केरल और कर्नाटक के जंगलों में पाया जाता है, जहां भारी बारिश और उच्च तापमान होता है। भारत में हाथी रिजर्व की संख्या बढ़ाने के लिए 1992 में 'प्रोजेक्ट्स एलिफेंट' लांच किया गया था। असम में देहिंग पटकाई और काजीरंगा के राष्ट्रीय उद्यान, केरल में पेरियार और कर्नाटक में मैसूर और भद्रा वन क्षेत्र हाथियों के महत्वपूर्ण निवास स्थान हैं।
-जम्मू और कश्मीर में दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान हंगुल (काशिमिरी टैग) के लिए प्रसिद्ध है ।
-ग्रेट इंडियन बस्टर्ड जैसलमेर (राजस्थान) और मालवा में पाया जाता है। वर्तमान में यह एक लुप्तप्राय प्रजाति है।
-राजहंस कच्छ के रण में घोंसला बनाकर अंडे देता है ।
-कच्छ का रण जंगली गधों का प्राकृतिक आवास है।
-शुतुरमुर्ग डेजर्ट नेशनल पार्क, जैसलमेर में पाए जाते हैं ।
-हिम-तेंदुए और पांडा हिमालय के ऊंचे क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
-जंगली भेड़, साकिन (लंबे सींग वाली जंगली बकरी), तापिर, पहाड़ी बकरी आदि हिमालय क्षेत्र के प्रमुख जानवर हैं।
-केवलादेव (घाना) पक्षी अभयारण्य साइबेरियन सारस के शीतकालीन प्रवास स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यह भारत का सबसे बड़ा पक्षी अभयारण्य है।
-नंदन कानन प्राणी उद्यान (भुवनेश्वर, ओडिशा) सफेद बाघ के लिए प्रसिद्ध है।
-भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर अलीपुर, कोलकाता में है ।
-गांगेय डॉल्फिन गंगा में रहती हैं। वे जन्म से अंधी होती हैं।
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