BIPIN RAWAT: जनरल बिपिन रावत भारतीय सेना के चार सितारा जनरल थे, जिन्हें 31 दिसंबर 2021 को भारत का पहला सीडीएस नियुक्त किया गया था। एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। इस लेख में हम भारत के पहले सीडीएस व उनके करियर के बारे में जानेंगे।
सीडीएस बिपिन रावत का जीवन परिचय
जन्म- 16 मार्च 1958 (पौड़ी, उत्तराखंड)
मौत - 8 दिसंबर 2021 (कुन्नूर, तमिलनाडु)
आयु- 63 वर्ष
शिक्षा- राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (बी.एससी.)
आईएमए डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (एमफिल)
अमेरिकी सेना कमांड एवं जनरल स्टाफ कॉलेज (आई.एल.ई.)
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (पीएचडी)
पत्नी - मधुलिका रावत
पिता- लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत
सेवा के वर्ष- 16 दिसंबर 1978 – 8 नवंबर 2021
पुरस्कार-
परम विशिष्ट सेवा पदक
उत्तम युद्ध सेवा पदक
अति विशिष्ट सेवा पदक
युद्ध सेवा पदक
सेना पदक
विशिष्ट सेवा पदक
जन्म और परिवार:
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का जन्म पौड़ी, उत्तराखंड में हुआ था। उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद तक पहुंचे। उनकी मां उत्तराखंड के उत्तरकाशी के पूर्व विधायक की बेटी थीं।
शिक्षा: उन्होंने अपनी औपचारिक शिक्षा देहरादून के कैम्ब्रियन हॉल स्कूल और शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से प्राप्त की और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में प्रवेश लिया, जहां उन्हें 'सोर्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया।
वह डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी), वेलिंगटन और यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड एंड जनरल स्टाफ कॉलेज, फोर्ट लीवनवर्थ, कंसास के उच्च कमांड कोर्स के स्नातक भी थे।
उन्होंने रक्षा अध्ययन में एम.फिल. की डिग्री के साथ-साथ मद्रास विश्वविद्यालय से प्रबंधन और कंप्यूटर अध्ययन में डिप्लोमा भी प्राप्त किया। सैन्य मीडिया रणनीतिक अध्ययन पर उनके शोध के लिए उन्हें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी की उपाधि से सम्मानित किया गया।
सीडीएस बिपिन रावत का सैन्य करियर
16 दिसंबर 1978 को सीडीएस बिपिन रावत को 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में कमीशन दिया गया , जो उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत की ही यूनिट थी। उन्होंने 10 वर्ष तक आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए और मेजर से लेकर वर्तमान सीडीएस तक विभिन्न पदों पर कार्य किया।
मेजर के पद पर रहते हुए सीडीएस बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर के उरी में एक कंपनी की कमान संभाली थी। उन्होंने कर्नल के रूप में किबिथु में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी बटालियन की कमान संभाली । ब्रिगेडियर के पद पर पदोन्नत होने के बाद उन्होंने सोपोर में राष्ट्रीय राइफल्स के 5 सेक्टर और बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली।
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (MONUSCO) में अध्याय VII मिशन में उन्हें दो बार फोर्स कमांडर की प्रशंसा से सम्मानित किया गया।
लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उन्होंने पुणे में दक्षिणी सेना की कमान संभालने से पहले दीमापुर में मुख्यालय वाली तृतीय कोर की कमान संभाली थी।
सेना कमांडर ग्रेड में पदोन्नत होने के बाद उन्होंने दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) का पद संभाला । थोड़े समय के कार्यकाल के बाद उन्हें उप सेना प्रमुख के पद पर पदोन्नत कर दिया गया ।
उन्हें भारत सरकार द्वारा 27वें सेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। 17 दिसंबर 2016 को नियुक्त हुए और 31 दिसंबर 2016 को पदभार ग्रहण किया। उन्होंने भारतीय सेना के चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के 57वें और अंतिम अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। उन्हें 30 दिसंबर 2021 को पहला सीडीएस नियुक्त किया गया और 1 जनवरी 2020 को उन्होंने पदभार ग्रहण किया।
रैंक नियुक्ति की तिथि
सेकेंड लेफ्टिनेंट 16 दिसंबर 1978
लेफ्टिनेंट 16 दिसंबर 1980
कैप्टन 31 जुलाई 1984
मेजर 16 दिसंबर 1989
लेफ्टेनंट कर्नल 01 जून 1998
कर्नल 01 अगस्त 2003
ब्रिगेडियर 01 अक्टूबर 2007
मेजर जनरल 20 अक्टूबर 2011
लेफ्टिनेंट जनरल 01 जून 2014
जनरल (सीओएएस) 01 जनवरी 2017
जनरल (सीडीएस) 31 दिसंबर 2019
सीडीएस बिपिन रावत को मिले कुल पुरस्कार
अपने 40 वर्षों से अधिक के करियर के दौरान सीडीएस जनरल बिपिन रावत को वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए कई पदक और सम्मान प्राप्त हुए। इनका उल्लेख नीचे किया गया है:
1- परम विशिष्ट सेवा पदक
2- उत्तम युद्ध सेवा पदक
3- अति विशिष्ट सेवा मेडल
4- युद्ध सेवा पदक
5- सेना मेडल
6- विशिष्ट सेवा मेडल
7- घाव पदक
8- सामान्य सेवा पदक
9- विशेष सेवा पदक
10- ऑपरेशन पराक्रम पदक
11- सैन्य सेवा पदक
12- उच्च ऊंचाई सेवा पदक
13- विदेश सेवा मेडल
14- स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ पदक
15- 30 वर्ष दीर्घ सेवा पदक
16- 20 वर्ष दीर्घ सेवा पदक
17- 9 वर्ष दीर्घ सेवा पदक
18- मोनूस्को
सीडीएस बिपिन रावत की मृत्यु
भारतीय सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ भारतीय वायुसेना के Mi 175 V5 हेलीकॉप्टर पर सवार थे, जो 8 दिसंबर, 2021 तमिलनाडु के कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
घटना की समयरेखा:
- सीडीएस जनरल बिपिन रावत छात्र अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के निर्धारित दौरे पर थे।
- भारतीय वायुसेना के एमआई 17 वी5 हेलीकॉप्टर ने 8 दिसंबर 2021 को सुबह 11:48 बजे सुलूर एयर बेस से उड़ान भरी और इसके दोपहर 12:15 बजे तक वेलिंगटन में उतरने की उम्मीद थी।
- दोपहर लगभग 12:08 बजे सुलूर एयर बेस पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल का हेलिकॉप्टर से संपर्क टूट गया।
- इसके बाद कुछ स्थानीय लोगों ने कुन्नूर के पास जंगल में आग लगी देखी और वे मौके पर पहुंचे।
- स्थानीय लोगों ने एक सैन्य हेलीकॉप्टर के मलबे को आग में घिरा देखा।
- स्थानीय प्रशासन की बचाव टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं और दुर्घटनास्थल से जीवित बचे लोगों को निकालने का प्रयास किया।
- मलबे से निकाले गए सभी लोगों को वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल ले जाया गया।
- दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकॉप्टर में सवार कुल 14 लोगों में से 13 की मौत हो गई थी।
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