भारत की पहली मिठाई कौन-सी है, 3500 साल पुराना है इतिहास, जानें नाम

Sep 8, 2025, 16:10 IST

भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां रहन-सहन से लेकर खान-पान में विविधता देखने को मिलती है। इस कड़ी में भारत में मिठाइयों का भी विशेष महत्त्व रहा है। हालांकि, क्या आप भारत की पहली मिठाई के बारे में जानते हैं, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

भारत की पहली मिठाई
भारत की पहली मिठाई

भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां रहन-सहन से लेकर खान-पान में विविधता देखने को मिलती है। यहां के प्रत्येक राज्य में आपको अलग-अलग खान-पान देखने को मिल जाएगा। यह विविधता हमें कुछ किलोमीटर के दायरे में ही देखने को मिल जाती है। इस कड़ी में भारत में मिठाइयों का भी विशेष महत्त्व रहा है। भारत के अलग-अलग शहरों की अपनी खास मिठाइयां हैं, जिन्हें मीठे के शौकिन लोग खूब पसंद करते हैं। हालांकि, क्या आप भारत की पहली मिठाई के बारे में जानते हैं, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

भारत की सबसे पहली मिठाई कौन-सी है

भारत की सबसे पहली मिठाई ‘अपुपा’ है। वर्तमान में इसे मालपुआ के नाम से जाना जाता है। इसका इतिहास 3500 साल पुराना है, जो कि भारतीय पाक कला की संस्कृति और शैली, दोनों का दर्शाता है। 

वैदिक काल से प्रचलन में है मिठाई

अपुपा का इतिहास वैदिक काल से जुड़ा हुआ है। इसका जिक्र हमें ऋग्वेद और अथर्ववेद में देखने को मिलता है।  उस समय इसे ऋषि-मुनियों द्वारा खाया जाता था। कहा जाता है कि वैदिक काल में जौ के आटे को दूध, दही या पानी में मिलाकर छोटे-छोटे पुए बनाए जाते थे। इन्हें घी में तलकर शहद में डुबाया जाता था, जिसके बाद अपुपा मिठाई बनकर तैयार होती थी। इस मिठाई को विशेष रूप से धार्मिक व सामाजिक अवसर पर खाया जाता था। 

हजारों साल में बदल गया मिठाई का स्वरूप

अपुपा मिठाई का स्वरूप पिछले हजारों साल में बदल गया है। वर्तमान में कई बदलाव के बाद हमारे सामने मालपुआ है। अब जौ के आटे की जगह मैदे और गेहूं के आटे ने ले ली है। वहीं, शहद की जगह पहले गुड़ और बाद में चीनी का इस्तेमाल होने लगा। आज इसे बनाने में सौंफ व इलायची डालकर स्वरूप और भी बदल दिया गया है। 

भारतीय संस्कृति की पहचान है मिठाई

आज बेशक अपुपा का स्वरूप बदल गया है, लेकिन मालपुआ के रूप में आज भी यह भारतीय संस्कृति से जुड़ी हुई है। उदाहरण के तौर पर देखें, तो आज भी होली, दिवाली और छठ जैसे बड़े महापर्वों पर मालपुआ बनाने का रिवाज है। इसे प्रसाद के तौर पर अर्पित किया जाता है। वहीं, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिसा में यह प्रमुख रूप से बनाया जाता है। दिल्ली में भी मालपुआ बनाए जाते हैं। 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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