15 अगस्त को भारत में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन अंग्रेजों ने देश को सत्ता हस्तांतरित की थी. भारत 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश के संप्रभु बंधनों से मुक्त हो गया था.
इस वर्ष भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर जानेंगे कि स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराना गणतंत्र दिवस से कैसे भिन्न है और दोनों अवसरों पर दिए गए भाषणों में क्या अंतर होता है.
15 अगस्त को झंडा फहराना 26 जनवरी से कैसे अलग है?
अंग्रेजों ने जब भारत छोड़ा तो उन्होंने अपना झंडा हटा दिया और फिर भारतीय ध्वज फहराया गया इसलिए हर 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर खींचा जाता है और फिर फहराया जाता है. इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण कहते हैं.
हर साल 26 जनवरी को, राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है. उसे खोलकर फहराया जाता है और इस प्रक्रिया को झंडा फहराना कहते हैं. यही प्रमुख अंतर है.
अगला अंतर यह है कि स्वतंत्रता दिवस पर, भारत के प्रधानमंत्री, तिरंगा फहराते हैं, वहीं गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं. प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस पर एक प्रथा के रूप में भारत के बाहर से एक गणमान्य व्यक्ति को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है.
स्वतंत्रता दिवस लाल किले पर धूमधाम से मनाया जाता है जबकि गणतंत्र दिवस राजपथ, इंडिया गेट पर मनाया जाता है.
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर भाषण
भारत के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले राष्ट्र को संबोधित करते हैं जबकि प्रधानमंत्री हर साल 15 अगस्त को लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हैं.
इस साल नया क्या है?
इस वर्ष भारतीय राष्ट्रगान का एक वीडियो लाल किले पर प्रदर्शित किया जाएगा जिसे भारत के नागरिकों द्वारा बड़े पैमाने पर गाया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह घोषणा की गई थी कि नागरिक राष्ट्रगान गाने का अपना वीडियो rashtragaan.in. वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं.
भारत में 15 अगस्त को ही क्यों स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है?
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