ICC किसी गेंदबाज को “चकर” कब घोषित करता है?

Oct 7, 2019, 11:13 IST

एक अवैध बॉलिंग एक्शन वह बॉलिंग एक्शन है, जिसमें प्लेयर की एल्बो एक्सटेंशन 15 डिग्री से अधिक हो जाती है.आइसीसी के नियम के मुताबिक एक गेंदबाज अधिकतम 15 डिग्री तक अपना हाथ मोड़ सकता है. इस कोण की गणना में हाथ के क्षैतिज होने से लेकर हाथ से गेंद छोड़ने के बीच की जाती है.

15 Degree Bowling Action Match
15 Degree Bowling Action Match

दुनिया भर में क्रिकेट के खेल के नियमों को 'क्रिकेट के नियम' के द्वारा मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC), लन्दन के द्वारा बनाया जाता है. MCC वर्ष 1788 से ही क्रिकेट से सम्बंधित नियमों को बना रहा है.

इन्ही नियमों में कुछ नियम क्रिकेट मैच में फेंकी जानी वाली गेंद के लिए है. ये नियम तय करते हैं कि बॉल किस तरह से फेंकी जानी चाहिए. जो खिलाड़ी इन नियमों के तहत बोलिंग नहीं करता है उसे अंपायर और मैच रेफरी की सिफारिस के आधार पर संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन या चकर घोषित किया जाता है.

आइये इस लेख में जानते हैं कि किस खिलाड़ी को चकर घोषित किया जाता है.

गैर कानूनी गेंदबाजी एक्शन (Illegal Bowling Actions):

गेंदबाजी के नियमों को 'क्रिकेट के नियम' 24 (2) और 24(3) के तहत बनाया गया है. ज्यादातर मामलों में गेंदबाज 'क्रिकेट के नियम' 24(3) का उल्लंघन करता है.

आइसीसी के नियम के मुताबिक एक गेंदबाज अधिकतम 15 डिग्री तक अपना हाथ मोड़ सकता है. एक अवैध बॉलिंग एक्शन वह बॉलिंग एक्शन है, जिसमें प्लेयर की एल्बो एक्सटेंशन 15 डिग्री से अधिक हो जाती है. इस कोण की गणना में हाथ के क्षैतिज होने से लेकर हाथ से गेंद छोड़ने के बीच की जाती है.

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अवैध बॉलिंग एक्शन के बाद क्या कार्यवाही होती है?

ध्यान रहे कि T-20, एक दिवसीय औ टेस्ट मैचों के लिए गेंदबाजी एक्शन के नियम अलग अलग होते हैं. दिसंबर 2018 में श्रीलंका के ऑफ स्पिनर अकिला धनंजय को अवैध गेंदबाजी एक्शन के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी से निलंबित किया गया था. क्योंकि उनका हाथ 15 डिग्री से ज्यादा मुड़ता है.

आइसीसी के नियम 11.1 के तहत धनंजय को अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी करने से निलंबित कर दिया गया है. इसी नियम के तहत वह घरेलू क्रिकेट में भी गेंदबाजी नहीं कर पाएंगे, लेकिन आइसीसी का नियम 11.5 के अनुसार, अगर प्‍लेयर के देश का क्रिकेट बोर्ड अगर उसे घरेलू क्रिकेट में गेंदबाजी करने की अनुमति देता है तो वह घरेलू क्रिकेट में गेंदबाजी कर सकता है.

RIGHT bowling training

वर्तमान में जारी ऑस्ट्रलिया में क्रिकेट श्रंखला में भारत के अंबाती रायडू के गेंदबाजी एक्शन को अंपायर ने संदिग्ध करार दिया है. अब रायुडू को 14 दिनों के भीतर अपने गेंदबाजी एक्शन का टेस्ट देना होगा. इस अवधि के दौरान रायुडू को अंतरराष्ट्रीय मैच में गेंदबाजी की अनुमति होगी. रायुडू के गेंदबाजी एक्शन को अब वनडे और टी-20 में लागू आईसीसी नियमों के तहत परखा जाएगा.

अंबाती रायडू अपनी गेंदबाजी एक्‍शन में जरूरी बदलाव कर आइसीसी के नियम 4.5 के तहत गेंदबाजी एक्‍शन की जांच की दोबारा मांग कर सकते हैं और अगर दोबारा जांच में उनका एक्‍शन सही पाया गया तो उन्‍हें फिर से अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी की इजाजत मिल जाएगी. 

गेंदबाजी एक्शन की जांच कहा होती है?

ICC द्वारा मान्यता प्राप्त परीक्षण केंद्रों में निम्नलिखित संस्थान शामिल हैं;

1.  श्री रामचंद्र विश्वविद्यालय, चेन्नई, भारत

2.  राष्ट्रीय क्रिकेट केंद्र, ब्रिस्बेन, ऑस्ट्रेलिया

3. लाहौर प्रबंधन विज्ञान विश्वविद्यालय, लाहौर, पाकिस्तान

4.  प्रिटोरिया विश्वविद्यालय, हैटफील्ड, दक्षिण अफ्रीका

5. लॉफबोरो विश्वविद्यालय, लीसेस्टरशायर, यूके

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गलत गेंदबाजी एक्शन की रिपोर्ट के लिए क्या प्रक्रिया है?

किसी गेंदबाज का एक्शन संदिग्ध है इसकी सूचना किसी मैच अधिकारी जैसे अंपायर, मैच रेफ्री के द्वारा लिखित रूप से ICC को दी जाती है जिसकी एक कॉपी सम्बंधित खिलाड़ी के बोर्ड और खिलाड़ी को दी जाती है. इस रिपोर्ट में यह भी बताना होता है कि क्या खिलाड़ी हर बार नियम का उल्लंघन करता है या वेरिएशन के तौर पर एक ये दो गलत गेंद फेंकता है.

मैच रेफरी और अंपायर को ऑफिसियल रिपोर्ट भेजने से पहले से गेंदबाज के एक्शन को नंगी आँखों अर्थात बिना चश्मे इत्यादि के देखना होता है और वीडियो नार्मल स्पीड पर चलना चाहिए. स्लो मोशन की फुटेज तभी देखी जाती है जब पहले से लगाये गए संदेह की ठीक से जाँच करना हो.

दोषी पाए गए खिलाड़ी को एक इंडिपेंडेंट जाँच समिति के विशेषज्ञों के सामने पहले से तय सेंटर पर बोलिंग का डेमो देना होता है. यहाँ पर बॉलर के एक्शन का “State of the Art Technology” की मदद से एक्शन जांचा जाता है. यदि जाँच में आरोप सही पाया जाता है तो बॉलर को इंटरनेशनल क्रिकेट में खेलने से प्रतिबंधित कर दिया जाता है.

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(ICC के ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग लेता हुआ खिलाड़ी)

ज्ञातव्य है कि खिलाड़ी के गेंदबाजी एक्शन को ट्रेनिंग सेंटर पर सुधारने की ट्रेनिंग दी जाती है फिर दुबारा टेस्ट लिया है और यदि अब गेंदबाज का एक्शन चेंज हो जाता है उसे फिर से खेलने की अनुमति मिल जाती है. यदि सुधार नहीं होता है तो बैन तब तक बरक़रार रहता है जब तक उसका एक्शन नियम के अनुसार नहीं हो जाता है. पाकिस्तान के सईद अजमल को सुधार के बाद दुबारा खेलने की अनुमति मिली थी.

ध्यान रहे कि पहले टेस्ट की जाँच में आने वाले खर्च को ICC द्वारा उठाया जाता है जबकि दुबारा जाँच में आने वाले खर्च को खिलाड़ी या उसके क्रिकेट बोर्ड के द्वारा उठाया जाता है.

इन प्रसिद्द खिलाडियों को चकर घोषित किया जा चुका है

1. मुथैया मुरलीधरन

2. शोएब अख्तर (पाक)

3. जोहान बोथा (साउथ अफ्रीका)

4. मार्लन सैमुअल्स (वेस्ट इंडीज)

5. केन विलियमसन (न्यूजीलैंड)

6. सईद अजमल (पाक),

7. तस्कीन अहमद (बांग्लादेश)

8. सुनील नरेन (वेस्टइंडीज)

ज्ञातव्य है कि ICC के पास हरभजन सिंह और ब्रेट ली, मुहम्मद हफीज, शोएब मालिक के गेंदबाजी एक्शन को लेकर भी शिकायत गयी थी लेकिन इन्हें मैच खेलने से कभी प्रतिबंधित नहीं किया गया था.

उम्मीद है कि इस लेख में पढने के बाद आप समझ गये होंगे कि किसी गेंदबाज को किस आधार पर चकर घोषित किया जाता है.

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Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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