भारतवाणी, भारत सरकार का पहला ऑनलाइन बहभाषी (Multilingual) पोर्टल है. जिसका शुभारंभ 25 मई, 2016 को लखनऊ से किया गया था.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा इसका निर्माण किया गया है. इसका लक्ष्य एक पोर्टल के माध्यम से मल्टीमीडिया (अनेक संचार माध्यम जैसे टीवी, रेडियों आदि) का प्रयोग कर विभिन्न भारतीय भाषाओं के बारे में ज्ञान को प्रदान करना है.
यानी इसके जरिए विभिन्न भाषाओं संबंधी विविध जानकारी (सीखने, सामग्री, तकनीक) एक ही स्रोत से प्राप्त की जा सकती है. ये पोर्टल भारत के ऑनलाइन शब्दकोशों का सबसे बड़ा रिपॉजिटरी (Repository) है. आइये इस लेख के माध्यम से भारतवाणी पोर्टल और इसके मोबाइल एप के बारे में विस्तार पूर्वक अध्ययन करते हैं.
भारतवाणी पोर्टल क्या है?
सभी राज्यों, भारतीय विश्व विद्यालयों और शिक्षा संस्थानों के साथ मिल कर भारतीय भाषाओँ में उपलब्ध ज्ञान को डिजिटल रूप में सबको उपलब्ध करवाने के लिए भारत सरकार द्वारा भारतवाणी पोर्टल (वेबसाइट) को बनाया गया है. यह परियोजना डिजिटलाइजेशन को बढ़ाएगी और साथ ही भारत को सशक्त भी बनाएगी. इस परियोजना के तहत पाठ, श्रव्य, दृश्य एवं छवि (ऑडियो व विज्यूअल) का उपयोग करते हुए भारत की समस्त भाषाओं में ज्ञान को इस पोर्टल पर उपलब्ध करवाना है.
इस पोर्टल का वेब पता है: http://bharatavani.in/
भारतवाणी पोर्टल की क्या विशेषताएं हैं?
- इस पोर्टल को केन्द्रीय भारतीय भाषा संस्थान (CIIL) मैसूर, कर्नाटक द्वारा लागू किया गया था.
- इस पोर्टल के जरिये अपनी मनचाही भाषा में सूचना को ढूँढकर निकाला जा सकता है.
- यह विश्व का सबसे बड़ा लैंग्वेज पोर्टल है.
- इस पोर्टल के साथ मंत्रालय ने भारतवाणी बहभाषी एप की भी शुरूआत की.
- ऐसा कहना गलत नहीं हैं कि यह एक समावेशी, संवादात्मक और सक्रिय मंच है.
- भारतवाणी भारत में शब्दकोशों का सबसे बड़ा ऑनलाइन भंडार है जिसमें 130 से अधिक शब्दकोश, शब्दावली और शब्दावली किताबें शामिल हैं.
- इस पोर्टल को 22 अनुसूचित भाषाओं में शुरू किया गया और इसके बाद लगभग 100 से अधिक भाषाओं को शामिल करना हैं.
- यहां तक कि यूजीसी ने इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से भाषाओं की डिजिटल और गैर-डिजिटल सामग्रियों को साझा करने के लिए भी कहा हैं.
आइये इसकी महत्ता के बारे में अध्ययन करते हैं
- इस परियोजना के तहत प्रौद्योगिकी की मदद से भाषाओं को बचाने में भी सफलता मिलेगी.
- यह भाषा और डिजिटल (अँगंली संबंधी) डिवाइड को कम कर राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलेगा.
- इस पोर्टल के जरिए सभी भारतीय भाषाओं की जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है.
- यह साइबर स्पेस के माध्यम से भारत की भाषाई विविधता और संस्कृति को एक वैश्विक मंच प्रदान करता है.
- यह पर्यटन उद्योग, स्किल इंडिया आदि प्रयासों के लिए अत्यधिक सहायक है.
- भारतवाणी में उपलब्ध डेटा का लाभ भारतीय भाषाओं में अनुसंधान एवं विकास हेतु भी उठाया जा सकता है.
ये हम सब जानते हैं कि हमारे देश में 40 करोड़ से अधिक लोग हिन्दी में काम करते हैं परन्तु इंटरनेट पर लगभग 1 प्रतिशत से कम जानकारी प्राप्त होती है. हमारे देश में वर्तमान में 1222 अनुसूचित व गैर अनुसूचित भाषाएं और 234 मातृभाषाएं हैं. यह परियोजना भारत के इतिहास में पहली बार लागू हुई है जो कि तकनीक की सहायता से देश की असीम विरासत को दुनिया के सामने लाएगी.
भारतवाणी पोर्टल पर प्रकाशित सामग्री
भारतवाणी परियोजना के अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों में सामग्री का प्रकाशन किया गया है:
पाठ्य पुस्तक कोश: भाषानुसार विभिन्न विषयों के पाठ्य पुस्तकों का संचय
ज्ञान कोश : विभिन्न भाषाओं से संबंधित विश्वकोशों का संचय (अंकीकरण की प्रक्रिया जारी)
शब्द कोश : विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित एकभाषी, द्विभाषी एवं बहुभाषी कोशों का संचय
भाषा कोश : भाषा अधिगम या उससे संबंधित पुस्तकों का संचय
सूचना प्रौद्योगिकी कोश: यह उपकरण (अभी टीडीआईएल से जुड़ा हुआ है)
बहुमाध्यम कोश : विभिन्न भाषाओं से संबंधित श्रव्य एवं दृश्य सामग्री का संचय
भारत विविधताओं का देश है जहां हर थोड़ी दूर पर भाषाएं बदलती हैं. आजकल कुछ भाषाएं विलुप्त हो रही हैं या लोगों ने उनको बोलना छोड़ दिया हैं इसलिए इन भाषाओं के भविष्य को बचाने के लिए भारतवाणी वेब पोर्टल के साथ मोबाइल एप को भी बनाया गया. इनके जरिये आप कोई भी भाषा को सीख सकते है वो भी बिना शुल्क के. अर्थात भारतवाणी पोर्टल एक ऐसी परियोजना है जिसका मूल उद्देश्य डिजिटल भारत के इस युग में भारत को “मुक्त ज्ञान” समाज बनाना है.
Source: bharatvani.in, wikipedia
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